जुलाई, 2017: रेलवे के नियमों में नए बदलाव

अगर आप भी भारतीय रेलवे से सफर करते हैं और IRCTC से टिकट बुक करते हैं, तो 1जुलाई से रेलवे ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं जिन्हे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है। सबसे पहले आपको IRCTC और विंडो से तत्काल टिकट बुकिंग के टाइम के बारे में बता दें, अब 10 से 11 AC सीट्स के लिए और 11 से 12 स्लीपर की टिकट्स बुक की जा सकेंगी। उसके अलावा टिकट्स पहले सिर्फ दो भाषाओँ में ही उपलब्ध थें, हिंदी और अंग्रेजी जो अब अन्य 15 क्षेत्रीय भाषाओँ में भी उपलब्ध होंगी।

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राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेंस की टिकट को पूर्णतः पेपरलेस कर दिया गए है, इन ट्रैन के टिकट्स यात्रियों के मोबाइल पर SMS और मेल्स के जरिए भेज दी जाएँगी और इसके अलावा इन ट्रेंस की बोगियां भी बधाई जाएँगी। अब कोई भी वेटिंग लिस्ट मान्य नहीं होंगी और अगर आप अपग्रडेशन का विकल्प चुनते हैं, तो वेटिंग की स्थिति में 12 घंटों के अंदर आपको सुविधा ट्रैनों में टिकट उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जायेगा और कैंसलेशन करने पर 50% का रिफंड भी दिया जायेगा। सिर्फ RAC  और कन्फर्म टिकट ही वैलिड होंगेतत्काल कन्फर्म टिकट्स को कैंसिल करने पर अब 50% का रिफंड दिया जायेगा।

इसके अलावा 10 बजे रात के बाद कोई टिकट चेकिंग नहीं होगी और यात्रा के दौरान अगर आपका स्टेशन रात में आता है, तो आपको 139 पर वेक अप कॉल डेस्टिनेशन फैसिलिटी एक्टिवेट करनी होगी और रेलवे आपके गंतव्य स्टेशन आने से पहले आपको कॉल या फिर SMS कर के नोटिफाई कर देगा। GST से टिकट्स की कीमतों में बहुत ही हल्का सा फर्क पड़ा है, पहले आपको अपने रेलवे टिकट्स पर 4.5% टैक्स देना पड़ता था, जो अब 5% हो गया है। वहीँ सेकंड क्लास, स्लीपर जैसी श्रेणियों को इससे बाहर रखा गया है। प्रीमियम ट्रेंस को बंद करके इन्हे सुविधा ट्रेंस में बदल दिया गया है। अब आप यात्रा से 120 दिन पहले अपने टिकट्स की बुकिंग भी कर सकतें हैं।

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