वायरस और मॉलवेयर से डिजिटल सुरक्षा को खतरा
कंप्यूटर और इंटरनेट पर आपकी गोपनीय जानकारियों और डाटा के लिए सबसे बड़ा ख़तरा होते है वायरस, मॉलवेयर और अन्य हैकिंग तरकीबें |
एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर लड़ते है इन खतरों से
इन ख़तरों से निपटने के लिए हमें इंटरनेट पर ढेरों एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर उपलब्ध है, जिनमें से किसी एक हो हम डाउनलोड कर अपने कंप्यूटर पर इनस्टॉल करते है|
लेकिन क्या कोई एक एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर सभी ख़तरों से लड़ने में सक्षम होता है? हर सॉफ्टवेयर में कुछ ख़ासियत तो कुछ कमियाँ ज़रुर होती है|
ऐसे में कितना अच्छा हो कि हम सभी बड़े एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का लाभ एक साथ उठा कर अपने कंप्यूटर की सुरक्षा को और अधिक अभेद्य बना सकें|
कैसे उठाएं सभी एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का लाभ एक साथ?
निम्न वेब सेवा के माध्यम से आप अपने कंप्यूटर की किसी भी अनजान व नई फाइल को 20 से अधिक एंटी-वायरस स्कैनर से एक साथ स्कैन कर उसके सुरक्षित होने की पुष्टि कर सकते है|
जो भी फाइल स्कैन करनी हो उसे अपलोड करें और या ऑनलाइन वेब सेवा पर वहां उपलब्ध सभी एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर पर स्कैन कर आपको जानकारी देगी|
इस वेब सेवा का प्रयोग करने के लिए निम्न वेबसाइट पर जाएँ:
कंप्यूटर पर एंटी-वायरस और अन्य सॉफ्टवेयर मुफ्त डाउनलोड करने के लिए यहाँ जाएँ:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (25-11-2015) को "अपने घर भी रोटी है, बे-शक रूखी-सूखी है" (चर्चा-अंक 2171) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
कार्तिक पूर्णिमा, गंगास्नान, गुरू नानर जयन्ती की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद रूपचन्द्र शास्त्री जी.