मच्छरों से बढ़ने वाली बीमारियां और उनके रोगियों की बढ़ती संख्या दुनिया भर में बड़ी समस्या बनती जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली को ही देख लीजिए यहां अकेले पूरे भारत में सबसे ज़्यादा डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आये है।
वैसे तो हम मच्छरों से बचाव के आम तौर पर इन तरीक़ों का उपयोग करते है जिनके बारे में इस ब्लॉग पर मच्छरों से बचाव के तरीक़ों वाली पोस्ट में चर्चा की गयी थी, लेकिन अब इस काम के लिए नए नए उत्पाद भी बाज़ार में आ सकते है।
मच्छरों से डेगू, चिकनगुनिया, ज़ीका, मलेरिया जैसी घातक बीमारी फ़ैल रही हैं। इन मच्छरों से निजात पाने के लिए चीन की एक रोबोटिक्स कंपनी ने एक लेज़र रोबोट तैयार किया है, जो इन मच्छरों को ढूंढ-ढूंढ कर मारेगा।
अब कंपनियाँ रोबोटिक्स में तलाश रही है मच्छरों की समस्या का समाधान
चौंकाने वाली बात यह है कि इसकी पहली सार्वजनिक प्रदर्शनी पोलैंड के किल्स शहर में एक सैन्य समारोह के दौरान हुई, जहाँ अन्य कंपनियां सेना की मजबूती के लिए नयी-नयी तकनीकियों, वहां और औजारों का प्रदर्शन कर रही थीं। इसे शेनझेन की लिशेन नाम की कंपनी ने बनाया है।
इस रोबोट में भी परम्परागत 2डी लिडार तकनिकी का इस्तेमाल किया गया है, जो घरेलु काम करने वाले रोबोट्स में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस रोबोट में मच्छर मारने के लिए अलग से लेज़र लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है।
लेज़र तकनीक से होगा मच्छरों का खात्मा
कंपनी का इस रोबोट मॉडल को लेकर दावा है कि यह प्रति सेकंड लगभग 40 मच्छरों को मार सकती है। बाजार में इससे पहले भी लेज़र तकनीक से मच्छर मारने की कई मशीनें आ चुकी है लेकिन इसमें सबसे खास है इसके पहिये जो इसे एक वाहन की तरह एक जगह से दूसरी जगह ले जगतें हैं और यह मच्छरों को ढूंढ कर उन्हें ख़त्म कर देता है।
कंपनी का कहना है कि यह उन इलाकों के लिए उपयोगी है जहां मच्छर ज्यादा हैं लेकिन सुरक्षा बलों की तैनाती जरूरी है। अस्पतालों के लिए भी यह अच्छा उपकरण हो सकता है जहां तमाम साफ-सफाई के बावजूद मच्छर पनप जाते हैं और उन्हें मारने के लिए केमिकल के उपयोग में सतर्कता बरतनी पड़ती है।
स्कूलों और सार्वजनिक कार्यालयों में भी इसका अच्छा उपयोग हो सकता है। कंपनी ने अभी इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं किया है।