एलोवेरा (ग्वारपाठा) के बहुमूल्य फायदे
आप सभी जानते होंगे की एलोवेरा को भारत में ग्वारपाठा के नाम से भी जानते हैं। यह पौधा प्राचीनकाल से जानने वाला कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है। जिसमें रोग के निवारण वाले गुण इसमें कूट-कूट कर भरे हुए हैं।
आयुर्वेद में इसको घृतकुमारी की ‘उपाधि’ भी मिली हुई है। एलोवेरा को औषधियों में महाराज का स्थान दिया गया है।औषधियों में इसे संजीवनी भी कहा जाता है। एलोवेरा की लगभग 200 जातियां होती हैं। इनमें से सिर्फ पहली 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी होती हैं। तो आज इसके गुणों के बारे में बात करते हैं।
एलोवेरा के उपयोग और फायदे
ग्वारपाठा में खून की कमी को दूर करने की ताकत है तथा यह हमारे शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह खाने में बहुत पौष्टिक माना जाता है।
इसे त्वचा पर लगाना बहुत ही लाभप्रद माना जाता है। इसकी पत्तियों से रस रस निकाला जाता है। उस को 3-4 चम्मच रस सुबह खाली पेट ले लेने से पूरे दिन-भर हमारे शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहती है।
शरीर के जलने पर, कोई अंग कहीं से कट जाने पर, शरीर की अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल इन सब गुणों के कारण घाव को जल्दी भरता है।
यह हमारे रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एडियों के लिए ग्वारपाठा बहुत महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है । इसका गूदा निकालकर बालों की जड़ों में लगा लेना चाहिए। इससे आपके बाल काले, घने-लंबे एवं मजबूत होंगे।
एलोवेरा हमें मच्छरों से भी त्वचा की सुरक्षा करता है। आज कल सौन्दर्य निखार के लिए इसका उपयोग होता है। आपको हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के रूप में बाजार में एलोवेरा के जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम, और ब्यूटी क्रीम जैसे प्रोडक्ट मिल जायेंगे। यह पौधा कम से कम जगह में, छोटे-छोटे गमलों में आसानी से उगाया जा सकता है।
एलोवेरा जैल को मेंहदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होंगे। एलोवेरा के अंदर सुंदर एवं स्वस्थ रहने के कई राज छुपे हुए हैं। यह संपूर्ण शरीर को कायाकल्प करता है।