चाहे आप जॉब करते है या अपना कोई बिज़नेस, आपको अपनी वार्षिक आय पर आयकर देना होता है। इसे देने में हमें किसी भी प्रकार की कोताहि भी नहीं बरतनी चाहिए क्यों कि हमारे इंकम टैक्स में दिए गए पैसे से ही देश चलता है। इसके अतिरिक्त समय पर इंकम टैक्स ना भरने पर हम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस में भी आ सकते है, जिससे बाद में ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
लेकिन आज यहाँ हम कुछ ऐसे टिप्स और उपायों के बारे में जानेंगे, जिनको अपना कर आप पूरे क़ानूनी तरीक़े से अपना “आय कर (इंकम टैक्स) कम से कम कर सकते है।
1. अपने जॉब के इन ख़र्चों पर आय कर छूट लें:
- यदि आप अपने जॉब के सिलसिले में ये सब ख़र्चे करते है, तो इन ख़र्चों को अपनी सैलरी में अलाउयन्स के रूप में लेकर इन पर टैक्स देने से छूट प्राप्त कर सकते है:
- ऑफ़िस आने जाने के वाहन / ट्रैवल ख़र्च
- ड्राइवर सैलरी
- न्यूज़पेपर, बुक, मैगज़ीन
- मेडिकल ख़र्च
- यूनफ़ॉर्म
- मोबाइल, टेलेफ़ोन, इंटरनेट
- ऑफ़िस मनोरंजन
- पर्सनल डिवेलप्मेंट
- Meal कूपन
- ये सब ख़र्च कार्य के सिलसिले में ही होने चाहिए, ना कि व्यक्तिगत। यानी यदि आप इस जॉब में ना होते तो आपके ये ख़र्च नहीं होते।
- इसके लिए आपने एम्प्लॉअर से बात कर सैलरी का कुछ हिस्सा इन ख़र्चों के लिए नियत करना होगा।
2. “किराये के मकान” में रह आय कर बचाएँ:
- इंकम टैक्स में आपको किराए के मकान में रहने पर छूट मिलती है।
- अपने किराए के ख़र्च को आप अपनी “टेक्सेबल इंकम” में हटा सकते है।
- लेकिन इसका एक फ़ॉर्म्युला होता है, अपने एम्प्लॉअर के टैक्स विभाग से चर्चा कर इस छूट का लाभ उठा सकते है।
3. ₹ 15,000 तक में मेडिकल बिल पर टैक्स छूट पाएँ
- अपने या अपने डिपेंडेंट के 15,000 रुपए तक के मेडिकल ख़र्च के बिल जमा करवा, आप इस रक़म पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते है।
- इसके लिए अपनी कम्पनी के एचआर या टैक्स विभाग से सम्पर्क करें।
4. चार साल में 2 बार यात्रा पर लें टैक्स छूट
- आप चार साल में दो बार LTA (लीव ट्रैवल अलाउयन्स) पर टैक्स बचा सकते है
- इस यात्रा की शर्तें निम्न है:
- यात्रा के दौरान आप छुट्टी पर हों
- यात्रा भारत में ही हो
- यात्रा के दौरान, आप सबसे छोटे रूट से ही यात्रा करें
- AC-१ या इकॉनमी हवाई यात्रा के टिकट पर की क़ीमत तक की छूट
- इसके लिए आपको यात्रा की टिकट जमा करवानी होती है
5. ₹ 1,50,000 तक का इन्वेस्टमेंट कर टैक्स में छूट प्राप्त करें:
- आप अपनी सैलरी/आय के 1.50,000 रुपए पर इन इन्वेस्टमेंट के माध्यम से आयकर छूट प्राप्त कर सकते है:
- LIC (जीवन बीमा)
- PF
- PPF अकाउंट
- ELSS (टैक्स सेविंग म्यूचूअल फ़ंड)
- सुकन्या समृद्धि खाता
- टैक्स सेविंग FD
- नैशनल सेविंग सर्टिफ़िकेट
- सीन्यर सिटिज़ेन सेविंग स्कीम
- पेन्शन प्लान
- इन सभी इन्वेस्टमेंट को आपको अपनी कम्पनी को बता कर और प्रूफ़ देकर छूट लेनी होगी
6. घर का लोन लिए है, तो भी बचाएँ आय कर
- यदि आपने अपने घर को बनाने जा ख़रीदने के लिए होम लोन लिया है, तो भी आय होम लोन की क़िस्तों पर इंकम टैक्स बचा सकते है।
- होम लोन की EMI के दो हिस्से होते है – प्रिन्सिपल और इंट्रेस्ट (ब्याज)
- यहाँ आप प्रिन्सिपल के पेमेंट पर आय कर छूट प्राप्त कर सकते है
- इसके अतिरिक्त होम लोन के ब्याज पर भी आपको अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है।
7. अपने और परिवार के “मेडिकल इन्शुरन्स” पर टैक्स छूट लें
- मेडिकल इन्शुरन्स के प्रीमीयम पर आप 1.5 लाख की इन्वेस्टमेंट लिमिट के अतिरिक्त टैक्स छूट ले सकते है
- सालाना 25,000/- तक पर ये छूट ले सकते है
8. दान देते है, तो भी बचाएँ टैक्स
- यदि आप किसी सामाजिक सेवा के कार्य या ऐसी संस्था की दान देते है जिनको इंकम टैक्स में छूट मिली हुई है, तो भी आप उस रक़म पर टैक्स बचा सकते है
- यहाँ आप 50% से 100% तक टैक्स छूट प्राप्त कर सकते है, इसके लिए उस संस्था से जानकारी हासिल कर लें
9. ₹ 10,000 के सेविंग अकाउंट ब्याज पर भी नहीं देना होता है टैक्स
- वैसे तो आपके सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी आपकी आय होता है लेकिन 10,000 रुपए तक के ब्याज पर कोई इंकम टैक्स नहीं लगता
- इसलिए आपके सेविंग अकाउंट पर 10,000 रुपए से अधिक के ब्याज को ही अपनी टेक्सेबल इंकम माने
10. निम्न आय पर नहीं देना होता है टैक्स
- शेयर डिवीडेंड : यदि आपने अपना पैसा शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया है, तो इन शेयर पर मिलने वाले डिवीडेंड पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है।
- शादी पर गिफ़्ट
- कृषि आय
- वसीयत
- PF खाते का ब्याज
11. परिवार में अतिरिक्त आय के लिए HUF पेन कार्ड बनवाएँ
- यदि आपके परिवार में किसी बिज़नेस इत्यादि से अतिरिक्त आय है, तो उसके लिए HUF पेन कार्ड बनवा लें
- इस आय को आपकी मुख्य व्यक्तिगत आय से अलग माना जाएगा और व्यक्तिगत आय की ही तरह की टैक्स छूट मिलेगी
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ़ आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी प्रकार के निर्णय और टैक्स छूट की पूरी जानकारी के लिए अपनी कम्पनी के HR/Tax विभाग या प्रफ़ेशनल टैक्स प्लानर से ही सलाह लें, धन्यवाद
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुकर्वार (23-12-2016) को "पर्दा धीरे-धीरे हट रहा है" (चर्चा अंक-2565) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद जी