एक बार एक गुरू था, उसने भगवान से प्रार्थना की की परमात्मा, मुझे जीवन में सफलता प्राप्ति का रहस्य बता दो। जब परमात्मा ने गुरू की प्रार्थना को सुनकर उसे सफलता के रहस्य प्रदान कर दिये तो गुरु ने उन कीमती रहस्यों को गुप्त रखना चाहा।
गुरू ने कहा, मैं इन सफलता के रहस्यों को पहाड की चोटी पर बनी गुफा में छुपाकर रख दूँगा। परमात्मा ने गुरू को समझाया कि तुम ऐसा मत करना क्योंकि मनुष्य बहुत ताकतवर है। वह इन रहस्यों को पहाड की चोटी पर बनी गुफा से निकाल सकता है। तो गुरु ने कहा कि मैं इन्हें समुद्र को गहराई में छुपाकर रख दूँगा। परमात्मा ने फिर कहा कि मनुष्य मैं इतनी ताकत है कि वह इसे समुद्र के तल में से भी निकालने सक्षमता है।
तब गुरू ने कहा कि फिर तो मैं इन सफलता के रहस्यों को जमीन मैं गहढा खोदकर बहुत गहरी सुरंग में छुपा दूँगा। परमात्मा बोले कि आप ऐसा कदापि मत करना। मनुष्य को मैंने बनाया है, यह मेरी उत्कृष्ट रचना है। और जिस भी कृति को मैं बनाता हूँ उसमें मैं खुद निवास करता हूँ। इसी वजह से मनुष्य बहुत शक्तिशाली बना हुआ है।
अत: वह इन रहस्यों को जमीन के गहरे से गहरे गहढे से भी बाहर निकाल सकता है। अब तो गुरू ताज्जुब करने लगे कि जब परमात्मा ही मनुष्य को बहुत ताकतवर मानते है तो फिर मैं इन सफलता के रहस्यों को कहां छुपाकर रखूं। जब गुरू कुछ निर्णय नहीं कर पाये तो उन्होंने भगवान से ही पुछ लिया कि आप ही बताइये कि मैं इन रहस्यों को कहां पर छुपाकर रखूं।
परमात्मा ने कहा कि आप इन सफलता के रहस्यों को मनुष्यों के ही दिल और दिमाग मैं छुपाका रख दो ताकि सफलता प्राप्ति की इच्छा रखने वाला प्रत्येक मानव, जब चाहै तब अपने दिल और दिमाग में छुपे, इन रहस्यों का इस्तेमाल करके कामयाब हो सके ।
दोस्तों। दुनिया में सभी लोग समान है और सभी को परम पिता परमेश्वर ने समान बनाया है, सभी के पास एक सिर, दो हाथ, दो पैर और वही शरीर है और इस पोस्ट को पढने वाला प्रत्येक मनुष्य उसी परमेश्वर की उत्कृष्ट रचना है। अतः हमारे दिल और दिमाग में भी पहले से ही ये सभी सफलता के सीक्रेट मौजूद है। हमें तो बस उन्हें प्रेरित करने की आवश्यकता है।
क्या आपको मालूम है कि इंसान ही है, जो चाँद पर गया। इंसान ही है जिसने हिमालय फतेह किया। इंसान ही है, जिसने इंगलिश चैनल पार किया। इंसान ही है, जिसने इतने सारे चमत्कार कर दिखाये हैं। यानि इंसान ने यह सिद्ध कर दिया है कि उसमें इतनी ताकत है कि वो जो भी चाहे, उसे हॉसिल कर सकता है। फिर आप और हम भी तो एक इंसान ही हैं, फिर विश्वास करिये कि हमें जो चाहिए वह हमें भी मिल सकता है।
कामयाब होने के लिए बस एक दृढ-विश्यास को जरूरत होती हैं कि मैं कर सकता हूँ। जब अभी तक इतने सारे इंसान कामयाब हुये है तो मैं क्यो नहीं हो सकता। सबसे पहले विश्वास कीजिए उस परमात्मा पर जिसने हम सभी को बनाया है। वहीँ परमात्मा हम सभी के अंदर निवास करता है और प्यार करता है। वह हम सभी को कामयाब होते हुये देखना चाहता है । इसके बाद विश्वास कीजिए अपने आप पर कि मैं जो चाहूँ उसे हासिल कर सकता हूँ।