आजकल हर सक्श स्मार्टफोन लेने से पहले कैमरा के फ़ीचर्स जरूर चेक करता है। इससे फोटो क्लिक करना आसान हुआ है। कुछ एंड्रॉयड और आइफोन प्रोफेशनल तथा मैनुअल कैमरा मोड के साथ ही आते हैं, लेकिन यूजर्स को यह पता नहीं होता है कि इसे उपयोग कैसे करना है।
स्मार्टफोन कैमरा की हर सेटिंग का उपयोग फोटो क्लिक में किया जाता है। अगर आपके कैमरा ऐप में प्रोफेशनल मोड का कोई विकल्प नहीं दिया गया हो तब भी आप इसके बेसिक फीचर्स का उपयोग अच्छी फोटोग्राफी में कर सकते हैं।
कैमरे की ऑटो मोड सेटिंग में कई बार तस्वीरें अच्छी क्लिक होती हैं। लेकिन इसमें कलर मैनेजमेंट बिगड़ जाता है।
अगर आपकी तस्वीर ज्यादा ब्राइट या फिर ज्यादा डार्क हो रही है तो इसका अर्थ है कि उसकी एक्सपोजर वैल्यू में बदलाव की आवश्यकता है। सामान्य कैमरा में एक्सपोजर वैल्यू को अपर्चर भी कहा जाता है। स्मार्टफोन कैमरा में अपर्चर फिक्स होता है।
तो अपने स्मार्टफोन के कैमरा में करें ये छोटे से बदलाव और मैन्युअल सेटिंग्स से लें DSLR क्वालिटी की प्रोफेशनल फोटोज और बन जाये अपने ग्रुप के फोटोग्राफर….
ISO
कैमरा में आईएसओ का अर्थ सेंसर और लाइट से होता है। यानी आपके मोबाइल कैमरा का सेंसर कितनी लाइट ले सकता है। अगर आईएसओ हायर है तो इसका मतलब कि आपका कैमरा सेंसर लाइट को लेकर हाई सेंसिटिव है।
ISO-100 तथा शटर स्पीड 1/3 सेकेंड पर क्लिक की गई तस्वीर में आपके अंधेरापन अधिक दिखाई देगा।
शटर स्पीड
यह कैमरा स्पीड का एक और महत्वपूर्ण फीचर है। जब हम कोई तस्वीर क्लिक करते हैं तो कैमरे का शटर खुलता तथा बंद होता है। इसके खुलने तथा बंद होने में लगने वाला समय शटर स्पीड कहलाता है।
वाइट बैलेंस
अगर आपके कैमरा से क्लिक की गई तस्वीर अधिक वॉर्म या अधिक कूल आ रही है तो इसका अर्थ है कि इसकी डिफाल्ट सेटिंग में कुछ समया है। स्मार्टफोन कैमरा में कलर बैलेंस को एडजस्ट करने से आप अच्छी तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं।
अगर आपकी तस्वीर में पीला रंग ज्यादा आ रहा है तो इसका अर्थ है कि यह आपकी तसवीर वॉर्म है। वहीं नीला रंग अधिक दिखने पर तस्वीर को कोल्ड कहा जाता है।
एक्सपोज़र वैल्यू
अगर आपकी तस्वीर ज्यादा ब्राइट या फिर ज्यादा डार्क हो रही है तो इसका अर्थ है कि उसकी एक्सपोजर वैल्यू में बदलाव की आवश्यकता है। सामान्य कैमरा में एक्सपोजर वैल्यू को अपर्चर भी कहा जाता है। स्मार्टफोन कैमरा में अपर्चर फिक्स होता है।