सफेद दाम देखा ही होगा आपने, इसके होने से शरीर में बड़े-बड़े सफेद रंग के अजीब दिखने वाले दाग हो जाते हैं. जिनको देखकर लोग नाक-भौं सिकुड़ने लगते हैं. पर वाकई में सफेद दाग इतना घातक और घिनौना रोग नहीं है. यह एक प्रकार का चर्म रोग है और कुछ भी नहीं. यह ना ही संक्रमित रोग है.
सफेद दाग छूआछूत वाला रोग नहीं है, इसको देखकर भले ही मन घिन्न आती है पर ऐसा नहीं है कि सफेद दाग को छूने से फैल जाएगा. हमें सफेद दाग के रोगियों से किसी तरह की भेदभाव नहीं बरतनी चाहिए. उनके साथ भी हमें आम लोगों जैसा ही व्यवहार करना चाहिए. इससे उनको मानसिक शांति मिलेगी और रोग से लडने के लिए आत्मबल भी मिलेगा.
सफेद दाग पहले ही नहीं बढ़ता है बल्कि लापरवाही और अनदेखा करने से व्यापक रूप ले लेता है तो किसी को वंशागत भी मिलता है. पर आरंभ में ही यदि हम इसका घरेलू इलाज करें तो छूमंतर हो सकता है और पूरे शरीर में फैलने से रोका जा सकता है. इसके लिए आयुर्वेदाचार्यो ने कुछ घर में किए जाने वाले नुस्खें बताएं हैं जिनकी जानकारी हमें रखनी चाहिए.
सफेद दाग के घरेलू उपाय-
-हमारे घर के आसपास या फिर आंगन में खड़ी हरी तुलसी की पत्ती इसके लिए कारगर है. इसके लिए हमें हर दिन समय-समय पर तुलसी के पत्ते और नींबू का रसपान करना चाहिए. इससे हमारे सफेद दाग मिट जाते हैं.
-थोड़ी-सी मेहनत तो करनी पड़ेगी इसके लिए आपको नदी के किनारे जाना होगा. वहां से किनारे की कोमल-चिकनी पाई जाने वाली लाल मिट्टी में अदरक का रस मिलाकर लगाना होगा. इससे भी सफेद दाग से निजात पाया जा सकता है. यह दो चीज भी सरलता से मिल सकती है.
-या फिर सफेद दाग को दूर करने के लिए बने धब्बों पर हल्दी और सरसों के तेल को मिलाकर बनाया हुआ लेप लगाना होगा.
– ताँबे के लोटे में रात भर पानी भरके रखकर सुबह-सुबह खाली पेट सेवन करने से भी राहत मिलती है.
-अनार की पत्तियाँ पीस कर उसका रसपान करना लाभदायक होता है.
-नारियल तेल से पूरे जिस्म की दिन में तीन बार मालिश करना चाहिए.
-नीम के पत्तों का रसपान भी लाभकारी होता है.
-विटामिन बी, फ़ोलिक एसिड और विटामिन सी की गोलियाँ खाना भी अत्यंत लाभकारी सिध्द होगा.
बरते सावधानी, रखें परहेज-
किसी भी रोग को दूर करने के लिए सावधानी सबसे पहले होनी चाहिए. बिना सावधानी और परहेज के दवाएं बेअसर हो जाती हैं. हो सकता है कि रिएक्शन भी कर जाएं. खासकर सफेद दाग का इलाज चलते समय इन बातों का ख्याल रखना चाहिए-
-धूप से बचें और बाहर बचाव के साथ निकले.
-धूल-मिट्टी लगने पर तुरंत धोएं.
-मछली खाने के तुरन्त बाद दूध ना पिएं, मछली ना खाएं तो बेहतर होगा.
-खट्टी चीज़ें ना खाएं.
-खाने में नमक ज़्यादा ना डाले.
-मिठाई, रबड़ी, दूध और दही एक साथ ना खाएं. दही के सेवन से बचे.
-उड़द की दाल, माँस और मछली ना खाएं.
-बुरी तरह से ग्रस्त होने पर हरियाली वाली जगह पर रहें.
-सफेद दाग के मरीज को लेप आदि लगाने से ना कतराएं पर दवा लगाने के बाद हाथ को भलीभांती साफ करें.
(नोट- उपरोक्त परहेज को बरतना चाहिए साथ ही इन उपायों से निजात ना मिलने पर चर्म रोग के डॉक्टर से बिना देरी किए मिलकर इलाज कराना ना भूले. झोलाछाप डॉक्टर, नीम-हकीम के चक्कर में ना पडे.)
बहुत ही बढ़िया article है ….. ऐसे ही लिखते रहिये और मार्गदर्शन करते रहिये ….. शेयर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙂 🙂
धन्यवाद हौंसला बढ़ाने के लिए…