जरूरी नहीं कि हर ऑनलाइन जानकारी सही हो. खासकर ऑनलाइन डॉक्टरी तो बिलकुल नहीं करनी चाहिए…
अक्सर बस-ट्रेन, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाउंड्री वॉल, गली और चौक-चौराहों पर ‘निराश सेक्स रोगी मिलें’, ‘पांच दिनों में देखे चमत्कार’, ‘शादीशुदा ज़िंदगी खुशहाल बिताएं’… पढ़ने को मिलता है. कभी-कभार दोस्त भी बोले ही होंगे, इस तरह की समस्या. सेक्स रोग, पुरुषांग की साइज इन बातों को लेकर सेक्स लाइफ में दिक्कत होती है. जैसे ही शादी तय होती है यह चिंता बढ़ जाती है. और शादी के बाद भी इससे पीछा नहीं छूटता है. हां, यह सच है. इस सच को छुपाने और ना ही घबराकर ‘कुछ भी’ करने की जरूरत है. इसके लिए किसी घास-पात या टेंट वाले बाबा की जरूरत नहीं है. निराश होने वाले भाईयों सुनो! निराश होकर कुछ हासिल नहीं होगा.
सेक्स शारीरिक सुख व मानसिक भूख है. सेक्सहमारे जीवन के अहम क्रियोकलापों में से एक है. हर कोई सेक्स करता है. यदि आपकी उम्र (18/21 वर्ष) हो गयी है लेकिन मन में सेक्स करने की इच्छा नहीं होती या किसी के प्रति आकर्षण नहीं है या प्राइवेट पार्ट में मचलन नहीं है तो बेहिचक कहा जा सकता है कि हार्मोंस की गड़बड़ी है. पर इसका मतलब यह नहीं कि आप गंभीर बीमारी के शिकार हो. क्योंकि यह गंभीर बीमारी की श्रेणी में नहीं आती है.
इनसे दूर रहें-
पोस्टर-बैनर और टेंट वाले बाबाओं के चक्कर में बिलकुल ना पड़े. इसके अलावा भी बहुत कुछ उपाय आप अपनाने की सोच रहे हो तो हमारी मानिए परिणाम गलत हो सकता है. हो ना हो सच में निराशा का शिकार होना पड़ जाए. हमारी रिपोर्ट कहती है कि निम्न बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाना चाहिए-
ऑनलाइन ‘डॉक्टरी‘ से बचें-
इंटरनेट व स्मार्टफ़ोन ने हमारी लाइफ को आसान और तेज़ बनाया है. परंतु स्मार्टफ़ोन यूजर्स वाकई में स्मार्ट हैं क्या. सूचना के इन माध्यम से लोगों को बेवकूफ़ बना कर ठगने का काम किया जा रहा है. इससे हमारी ज़िंदगी भी दाव पर लग जा रही है. यू ट्यूब व तमाम वेबसाइट सेक्स के नाम पर ठगी करने का काम कर रहे हैं. कई बार तो इंटरनेट विज्ञापन के जरिए पुरुषांग को प्रबल व आकर्षक बनाने हेतु दवा या यंत्र दिखाकर लुभाया जाता है जो कि किसी भी प्रकार से विश्वसनीय नहीं होता है.
विश्वास क्यों ना करें-
इंटरनेट व सोशल साइट्स का उपयोग कर कोई कुछ भी अपलोड कर मार्केटिंग कर सकता है. इसके चक्कर में कई बार पैकेट में साबुन या घास-भूसा भरकर आता है. कई लोगों का तो बैंक अकाउंट ज़ीरो हो जाता है. क्योंकि इन कंपनियों में कभी भी पे ऑन डिलीवरी का ऑप्शन नहीं मिलता. इससे साबित होता है कि यह फर्जी कंपनी हैं. यदि कुछ उपकरण/दवा मिलते भी हैं तो वह बेकार व जोखिम भरे होते हैं.
रह गई बात यू ट्यूब की तो आपको पता होना चाहिए कि यू ट्यूब चैनल बनाना रोटी बनाने से भी ज्यादा आसान है. फिर भी यदि आप व्यूअर्स की संख्या देखकर आकर्षित हो रहे हैं तो जान लिजिये कि सेक्स एक ऐसा टॉपिक है जिसको देखने वाले बहुत ज्यादा संख्या में है. हर वर्ग के लोग हैं. बाकी व्यूअर्स बढ़ाने के लिए ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग का सहारा भी लिया जा सकता है. खुद के भरोसे के लिए यू ट्यूब पर किसी भी सेक्स टिप्स वाले चैनल को देख लिजिये हर किसी पर व्यूअर्स, लाइक व कमेंट्स की बाढ़ दिखेगी क्योंकि यह विषय ही हॉट है. इसलिए हेल्दी सेक्स लाइफ के लिए ऑनलाइन ‘डॉक्टरी‘ का चयन करना स्मार्टनेस की पहचान नहीं है.
प्राइवेट पार्ट पर प्रयोग नहीं-
प्राइवेट पार्ट (महिला व पुरूष) पर मालिश करने के लिए बहुत सारे तेल व लेप लगाने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं दावा किया जाता है कि तीन दिन या एक सप्ताह में चमत्कार हो जाएगा. लेकिन आपको अनुमान नहीं होगा कि शायद इन गिने चुने दिनों में आपकी ज़िंदगी दाव पर लग जाएगी. प्राइवेट पार्ट हमारे शरीर के सबसे कोमल व सेंसिटिव पार्ट होते हैं. इससे उनपर में मोच/खरोच या अंदर ही अंदर घाव बनने की संभावना बढ़ जाती है. हो सकता है कि इन पार्ट्स की सेंसिटिवीटी खत्म हो जाए. पतली चमङी होने के कारण जलने व छिलने का डर रहता है या रिएक्शन/इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने का खतरा रहता है.
नुस्खे के दुष्परिणाम-
सेक्स लाइफ खुशहाल करने के लिए आमतौर पर कच्चे लहसुन, अदरक और प्याज का सेवन करने के लिए कहा जाता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके खतरनाक प्रभाव देखने को मिला है. जैसे कि रक्तचाप का अत्यधिक बढ़ना, मितली, उल्टी, शरीर का तापमान बढ़ना आदि. इनको मिलाकर खाने से फूड प्वॉइजन का खतरा भी रहता है. इसके अलावा बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवा प्रयोग हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. क्योंकि सेक्स की दवा या नुस्खे सीधे ह्रदय गति को तेज करने का काम करते है.
पुरुषांग बढ़ाने की चाहत-
हर किसी का पुरुषांग (गुप्तांग) कद काठी के मुताबिक होता है फिर भी विज्ञापन के भ्रमजाल में फंस कर प्रयोग करते हैं. जैसे कि वैक्यूम पेनिस पंप (यंत्र), दो तीन तेल मिलाकर मसाज करना या गुप्तांग को खिचना, जंगली पत्ता पर तेल लगाकर गर्म कर लिंग पर बांधना आदि. वैक्यूम पंप के प्रयोग से गुप्तांग टूटने या मोच आने का खतरा ज्यादा होता है. यही खतरा मसाज और गरम पत्तों के प्रयोग करने से होता है जबकि सच्चाई यह है कि इससे गुप्तांग बढ़ाना संभव नहीं है.
नुस्खा से मनाही क्यों-
यू ट्यूब या ऑनलाइन मौजूद हर नुस्खा गलत नहीं है. बहुत सारे नुस्खे सही व उपयोगी है लेकिन मना करने का कारण यह है कि हमें जङी-बूटी की परख नहीं है,बाजार में भी सही जङी-बूटी नहीं मिलती. इसके अलावा शारीरिक क्षमता के अनुसार किस दवा की कितनी मात्रा लेनी चाहिए. यह परामर्श डॉक्टर सही रूप से दे सकता है. इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह लिए यह कारगर नहीं हो सकता है.
बढ़ती उम्र के साथ सेक्स लाइफ का घटना-
सेक्स की समस्या से ना केवल युवा बल्कि ढलतीउम्र वाले लोग (35 के बाद) जब पिता नहीं बन पाते हैं या बीवी से खटपट होने पर यह सोचते हैं कि सेक्स लाइफ में दिक्कत हो रही है. इसके लिए टोटका (जादू-टोना) से लेकर तमाम झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पड़ जाते हैं. इतना ही नहीं सेक्सवर्धकदवाओं का प्रयोग शुरू कर देते हैं जो कि बढ़ती उम्र के साथ काफी खतरनाक साबित होती है.
क्या कहते हैं डॉक्टर-
सेक्स समस्या और घरेलू नुस्खे पर डॉ. के राय (भुवनेश्वर) ने बताया कि सेक्स कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है. हर इंसान का हार्मोन स्त्रावण, शारीरिक बनावट व शक्ति समान नहीं होती है. सेक्स करने के लिए पुररुषांग की लंबाई चार-पांच इंच पर्याप्त होती है. मोटाई बहुत मायने नहीं रखती. क्योंकि गर्भ धारण के लिए गुणवत्तापूर्ण शुक्राणुओं की संख्या जरूरत होती है. इसके लिए नियमित संतुलित खानपान की जरूरत है ना कि किसी पेस्ट और यंत्र की. रह गई बात पार्टनर को संतुष्ट करने की तो उसके लिए फॉर प्ले (रोमांस) करना चाहिए. इंटर कोर्स तो लास्ट स्टेज होता है जो कि बहुत मायने नहीं रखता. पॉर्न स्टार व डेली सेक्स लाइफ में बहुत फर्क होता है. पॉर्न स्टार भी एडिटेड वीडियो के जरिए लंबा सेक्स दिखाते हैं या फिर नुकसानदेह दवा का प्रयोग करते हैं. बेहतर सेक्स लाइफ के लिए जरूरी है कि हम तनावग्रस्त ना रहे. बेहतर उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श लेकर कुछ भी प्रयोग करें.
रियल और रील लाइफ सेक्स-
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर महेश्वर सथपति का कहना है कि सेक्स का कनेक्शन मानसिक रूप से होने का गलत फायदा नीम-हकीम उठाते हैं. आजकल की युवा पीढ़ी सेक्स प्रोडक्ट का विज्ञापन व पॉर्न फिल्म देखकर रियल लाइफ सेक्स नहीं करना चाहती. इंटर कोर्स से ही सेक्स संतुष्टी मिलती तो फिमेल अन्य वस्तुओं से ही खुद को खुश कर लेती और पुरूष केवल हस्तमैथुन कर लेते. रोमांटिक सेक्स लाइफ के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ होना सबसे ज्यादा जरूरी है. मनोविज्ञान कहता है कि सेक्स मानसिक सुख है. नीम-हकीम के चक्कर में पड़ने से पैसे के साथ स्वास्थ्य का नुकसान भी उठाना पड़ता है. युवाओं को रियल लाइफ समझने की जरूरत है ना कि रील लाइफ.