फरवरी का महीना भले ही प्यार का माह हो लेकिन दसवी से लेकर बारहवीं तक के लिए तो सबसे प्रेशर वाला माह होता है. पढ़ाई,पढाई,पढ़ाई और बस पढ़ाई… ऐसे में बच्चों का तनाव दूर करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी शोध व विचार के बाद एक प्रोग्राम बनाया और एक किताब लिखी. इसके बाद वह बच्चों को तनावमुक्त करने के लिए जुट गए हैं. हालांकि गूगल ने पूरा दिन वीडियो के लिए अलग लिंक शेयर किया ताकि हर कोई इसे सुन सके. फिर भी आप चूक गए हैं तो हम आपको अपने पीएम के वीडियो आपतक पहुंचा रहे हैं…
10वीं और 12वीं की परीक्षा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टूडेंट्स से ‘परीक्षा पर चर्चा’ की. परीक्षा के दबाव को दूर करने के लिए पीएम ने छात्र-छात्राओं को मंत्र दिए. पीएम ने बच्चों के कहा, यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है।’ इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने पीएम से परीक्षा के दबाव पर सवाल पूछे. पीएम ने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए बच्चों से काफी कुछ कहा.
परीक्षा की तैयारी के मूलमंत्र-
- आप लोग टेंशन में हैं क्या? यह भूल जाइए कि आप प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं. यह सोचिए मैं आपको दोस्त हूं.
- मेहनत के बाद भी अगर आत्मविश्वास नहीं होता है तो सब याद आता है लेकिन शब्द याद नहीं आता. विवेकानंद जी ने कहा ‘अहम प्रह्मास्मि।’ विवेकानंद जी कहते थे कि 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करो, वे आशीर्वाद दें लेकिन अगर अपने अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा तो 33 करोड़ देवाता भी कुछ नहीं करेंगे.
- परीक्षा देने जाते वक्त यह दिमाग से यह निकाल दें कि आप परीक्षा देने जा रहे हैं. आप यह समझिए कि आप ही अपने आपको अंक देने वाले हैं. इस भाव के साथ आप परीक्षा में बैठिए.
- पीएम ने मजाक में बच्चों से कहा, आप चाहते हैं कि मैं आज आपके पैरंट्स की क्लास लूं?
- मैं अभिभावओं को अपील करता हूं कि आप बच्चों को सोशल स्टेटस न बनाएं. कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होता जिसके अंदर कोई न कोई हुनर न होती हो. बच्चों को मौका दें.
- देशभर के अलग-अलग कोनों से लाखों छात्र-छात्राएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा बने. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में यह कार्यक्रम किया गया.
यह कुछ अंश है. यदि परीक्षा की तैयारी के लिए पूरा वीडियो के लिए क्लिक करें.
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