टोरेंट इस्तेमाल करने से नहीं होगी कोई कैद और न ही लगेगा कोई जुरमाना
“इस URL को सक्षम सरकार प्राधिकरण के निर्देशों के तहत और सक्षम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अवरुद्ध कर दिया गया है। इसे देखना, यहाँ से डाउनलोड करना और इस यूआरएल के तहत उपलब्ध कंटेंट की गैर कानूनी प्रति बनाना भारत के कानूनों के तहत एक दंडनीय अपराध है, इसके लिए आप पर धारा 63, 63-ए, 65 और कॉपीराइट अधिनियम 65ए, 1957 के तहत 3 साल के लिए कारावास और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस यूआरएल के किसी भी तरह के अवरुद्ध से व्यथित कोई भी व्यक्ति aturlblock@tatacommunications.com से संपर्क कर सकता हैं, जो 48 घंटे के भीतर आप पर चलने वाली प्रासंगिक कार्यवाही के तहत और आपकी शिकायत के निवारण के लिए प्रासंगिक उच्च न्यायालय या प्राधिकरण रुख करने हेतु सभी सलाह प्रदान करते हैं। “
अधिवक्ता अपार गुप्ता इन शर्तों से काफी असहमत हैं और उन्होंने बताया कि “कुछ समाचार रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि लोगों को टाटा दूरसंचार द्वारा नोटिस किया जा रहा है, लेकिन ध्यान से देखने पर इस नोटिस में कई त्रुटियां नज़र आती हैं। नोटिस में जिन धाराओं का उल्लेख है वह किसी अपराधीकरण के पक्ष में नहीं है। ”
प्रशांत सुगठन, जो भारत के सॉफ्टवेयर स्वतंत्रता लॉ सेंटर में वकील है, की रिपोर्ट है कि “किसी भी वेबसाइट पर जाना भले ही वह एक अवरुद्ध साइट ही क्यों न हो या उसपर कॉपीराइट अधिनियम, 1957 या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत किसी भी रूप में गैर कानूनी नहीं हैं। इसमें एकमात्र अपवाद सिर्फ चाइल्ड पोर्नोग्राफी है अतः यूज़र्स को सिर्फ इससे ही बचना है। ”
कानून के अनुसार, वे हमें देखने,डाउनलोड करने, प्रदर्शन या सामग्री की गैर कानूनी प्रति निकालने से चेतावनी दे सकतें हैं। लेकिन, वे हमें साइट पर विजिट करने के खिलाफ आगाह नहीं कर रहें थें। इसका सीधा सा मतलब है अवरुद्ध साइटों को आप किसी भी वीपीएन या प्रॉक्सी वेबसाइटों की मदद से देख सकतें हैं।