बच्चों के रोगों की पहचान कैसे करें
जब बच्चा छोटा होता है तो उसके खाने पीने का अनुमान लगाना पता है। इसी प्रकार अगर किसी बच्चे को कोई रोग हो जाये तो कैसे पता लगाये की बच्चे को कौन सा रोग हो गया है।
1. अगर बच्चे को सिर दर्द हो तो कैसे पता करे– जब किसी कारण से अगर बच्चे के सिर में दर्द हो तो वह बच्चा अपनी आंखें तुरंत बंद करता है और उन्हें तुरंत फिर खोल लेता है। बच्चे के सिर की त्वचा भी आपस में सिकुड़ जाती है। और उसके हाथ की गति भी बार-बार सिर की तरफ ही जाती है।
2. पेशाब करने में परेशानी का पता कैसे लगाये- अगर बच्चे को पेशाब करने में कोई दिक्कत हो रही है तो वह बच्चा थोडा सा दुखी लगता है। और उसके खाने पीने में भी लापरवाही देखी जाती है।
3. दर्द का कैसे पता लगाये – बच्चे के दर्द का पता उसके रोने से लगाया जाता है। अगर रोते टाइम बच्चा कही हाथ पांव चला रहा है तो समझ जाना चाहिये की उसे कही तकलीफ हो रही है और अगर वह कम रो रहा है तो कम दर्द हो सकता है और ज्यादा में ज्यादा है।
4. बुखार का पता कैसे लगाये– जब बच्चे को बुखार हो तो आप उसके मुँह में थर्मामीटर लगा के चैक कर सकते हो। उसके चेहरे पर बुखार के भाव साफ नजर आने लग जाके है। वह ज्यादा बुखार होने पर तिलमिला उठता है।
5. दिल के रोग का कैसे पता करे- यह बच्चे के लिए बहुत ही खतरे वाला होता है जब उसके दिल में दर्द होता हो। जब बच्चा अपने होंठ को बार बार दातों के पास ले जा के काटे और साथ ही वह अपनी मुट्ठी को बार बार जोर भींचे तो आप समझ सकते हो।
6. प्यास का पता कैसे लगाये – जब किसी बच्चे को प्यास लगती है तो उसका बार-बार अपनी जीभ को बाहर निकलना उसकी प्यास को दर्शाता है।
7. जिगर के रोग की पहचान करे- वैसे देखा जाये तो शुरुआत में सभी बच्चों के पेट बडा होता है। और देखने से ये पता चल जाये की बच्चे का पेट कही ज्यादा बडा है तो उसे जिगर की बीमारी हो सकती है।
बच्चों के रोगों की पहचान करके ही उसे दवा पिलानी चाहिए।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (27-08-2016) को "नाम कृष्ण का" (चर्चा अंक-2447) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर उपयोगी जानकारी प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
Thanks ji