आपको signature का तो पता ही होगा की इसका मतलब क्या होता है। जिसका हिन्दी में मतलब हस्ताक्षर होता है और जीवन में हर कागजी काम में आपको इसकी हर जगह पर जरूरत होती है। जहाँ पर भी आपने अपने हस्ताक्षर कर दिए इसका मतलब हुआ की आपकी उस बात को मान लिया है। आपने उस काम को करने की मंजूरी दे दी है। इसका काम लगभग हर तरह के काम में होता है जैसे स्कूल, बैंक और ऑफिस आदि।
लेकिन इसके अंदर कोई आपकी नकल करके आपके किये कराये पर पानी फेर सकता है। क्योंकि आपके हस्ताक्षर की नकल करना कोई बडी बात नहीं है। कुछ दिनों की
मेहनत की जरूरत होती है किसी भी हस्ताक्षर की नकल करने के लिए और फिर आप भी उसको पहचान नहीं पायेंगे। इनके जरिए ही सारे फरोड काम होते रहते हैं।
लेकिन आज मैं आपको इसी कागजी हस्ताक्षर के बारे में बताने नहीं आया हूँ बल्कि हम तो आपको डिजिटल हस्ताक्षर के बारे में बताने आये है जिसके अंदर नकल करने का तो
सवाल ही नहीं होता। अब आपको बताते हैं की डिजिटल हस्ताक्षर क्या होते हैं। हम आपको ज्यादा गहराई में ले जाकर नहीं समझायेंगे लेकिन आपको इसके बारे में सही
जानकारी जरूर देंगे तो शुरू करते हैं।
जैसे की हस्ताक्षर सहमति का प्रमाण होता है उसी प्रकार से डिजिटल सिग्नेचर भी यही काम करता है लेकिन इसके अंदर ये आभास भी हो जाता है की वह किसी असली
आदमी के द्वारा ही भेजा गया है। वह डोकोमेंट उसकी के द्वारा भेजा गया है जिसको वो चाहते थे या जिससे उन्हें प्राप्त करना था। इसमें नकली होने के चांस बिल्कुल ना
के बराबर हो जाते हैं। अगर कोई डिजिटल साइन में थोडी सी भी छेडछाड करता तो वह तुरंत ही पता लग जाती है जिससे ये साबित भी हो जाता है की ये डिजिटल डोकोमेंट
नकली या फर्जी है।
अब बात करते है की Digital Signature कैसे बनाये जाते हैं तो हम आपको इसके बारे में भी थोडी जानकारी हेतु बता देते हैं की ये एक खास प्रकार के Signing Software की सहायता से बनाये जाते हैं। लेकिन आजकल तो हैसींग का प्रयोग करके भी डिजिटल साइन बनाये जाते हैं जिसके अंदर दो value होती है जिसमें की एक तो Public Key होती है और एक Private Key मिलती है। अगर आपको डिजिटल हस्ताक्षर बनाना है तो हम लास्ट में एक विडियो का लिंक दे देंगे उसकी मदद से आप अपना Digital Signature बना सकते हो।
अब बात करते हैं की इसके फायदे क्या हैं। जो मैन मैन फायदे है इन्ही के बारे में आपको जानकारी देंगे बाकी फालतू के बारे में जानने से कोई फायदा नहीं।
Digital Signature कें फायदे
1. इसका सबसे बडा और पहला फायदा तो ये ही है की इसके अंदर पहले ही यह प्रमाण मिल जाता है की कोई डोकोमेंट फेक तो नहीं है ना। और इसमें दस्तावेज की असली
पहचान मिल जाती है।
2. अगर हम इसका प्रयोग करके दस्तावेज के असली मालिक के बारे में जानेंगे तो हमको इसके बारे में जानकारी मिल जायेगी। जिससे फर्जीवाडे से बच सकते हैं।
3. अगर इसके अंदर थोडी सी भी गडबड नजर आती है या इसमें कोई छोटी सी भी गलती मिलती है डिजिटल साइन के दौरान तो वह भरोसे के लायक नहीं माना जाता।
4. अगर आपने किसी से कोई डिजिटल दस्तावेज लिया है और उस पर डिजिटल साइन है तो वह इसको मना नहीं कर सकता है। यानी की अपनी हुई बात से मूकर नहीं
सकता। क्योंकि यह उसकी सहमति की पहचान है।
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