रेलवे अपनी सेवा को सुधारने का भरपूर प्रयास कर रहा है. रेलवे यात्रियों को सेवा का लाभ देने के लिए रेल मंत्रालय एक के बाद एक नया नियम लेकर आ रहा है. पहले वेटिंग लिस्ट का झमेला विकल्प, वरिष्ठ नागरिक, तत्काल टिकट, आरएसी आदि से खत्म किया. इसके बावजूद रेलवे की सबसे बड़ी समस्या यानी की ट्रेनों का विलंब चलना सबके लिए आफत है, यहां तक इस समस्या से राजधानी, दुरंतों जैसे सुपरफास्ट ट्रेन भी ग्रस्त है. लेकिन अब आपको इस समस्या से निजात मिल जाएगा.
खासकर ठंड के मौसम में ट्रेन लेट होने की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. किसी का इंटरव्यू तो किसी का कुछ जरूरी काम छूट जाता है. इससे काफी लोग परेशान हैं लेकिन रेल मंत्रालय ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नायाब तरीका निकाला है.
कैसे मिलेगा फायदा-
वैसे तो ठंड में कुहासा के कारण ट्रेन लेट चलती है लेकिन कभी-कभार तो बरसात व गरमी में भी इससे जुझना पड़ जाता है. खैर विलंब होने की समस्या चाहे जिस मौसम की हो आपको रेलवे समय पर पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगा. इसके लिए नई ट्रेन नहीं चलाएगा. बल्कि रेलवे का कहना है कि इसके लिए उस रूट की ट्रेनों में अतिरिक्त बोगियों को जोड़ा जाएगा. और उसकी जानकारी यात्रियों को स्टेशन और मोबाइल आदि के जरिए दी जाएगा. इसके बाद यात्री दुसरे ट्रेन में यात्रा कर पाएंगे.
मीडिया खबरों के अनुसार, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि रेलवे ने पहले फेज में 300 ट्रेनों और उनके रूट्स की पहचान कर रिपोर्ट बनाई है. जुलाई 2018 में प्रकाशित होने वाले टाइम-टेबल में इन बदलावों की जानकारी दी जाएगी. स्टैंडर्ड ट्रेनों की कंपोजिशन एक जैसी होगी यानी उनमें (जनरल, स्लीपर, एसी कोचों की संख्या एक होगी) जिससे वह किसी भी रूट पर चल सकेंगी.
आदरणीय जी ‘
सादर प्रणाम ,
हर वर्ष सर्दियों के मौसम में “कोहरे” की वजह से सैकड़ों रेलगाड़ियाँ प्रभावित होती है,जनजीवन बुरी तरह बदहाल हो जाता है, मुझे इस विकराल समस्या का एक साधारण सा हल सूझा है जिससे घने कोहरे के कारण अत्यंत धीमी गति से चलने वाली ट्रेन को साधारण गति से तो चलाया जा सकता है और कम कोहरे वाले क्षेत्रो में ट्रैन अपनी पूर्ण गति से चल पायेंगी .श्रीमान जी इसमें ढेरसारा फेरबदल भी नहीं करना पढ़ेगा बस इलेक्ट्रिक से चलने वाली ट्रेंस जिस पोल से बिजली प्राप्त करती है उन्ही पोल्स पर आवश्यकता अनुसार एक या अधिक “फॉगलैम्प” लगा दिए जाएं जिनका फोकस पटरी पर हो,जिससे पटरी को दूर तक देखा जा सके,ऐसा सर्किट बनाया जाए की इंजन के आगे के चार से दस पोल्स पर ये फॉगलैंप्स स्वतः चालू हो जाएँ एवं पीछे वाले लेम्प बंद होते जाएँ ,एक साधारण से सर्किट द्वारा ये संभव है,अब सवाल ये आएगा की फॉगलैम्प को आपूर्ति कहा से मिलेगी ? इंजन में १२ या २४ वाल्ट की कुछ बैटरी लगा दी जाएँ जिनसे इन फॉगलैम्प को आपूर्ति मिलती रहे इन बेट्रीस को परम्परागत अल्टीनेटर द्वारा चार्ज किया जाए जो की ट्रैन चलने पर बाकि बैटरियों को चार्ज करते है !अत्यंत साधारण व्यवस्था द्वारा ये संभव है !आप चाहें तो मैं ये कार्य कर सकता हूँ,देश की इस समस्या को हल करके में गौरव महसूस करूँगा,कृपया देश की सेवा करने का मुझे अवसर प्रदान करें !
Manohar Arora
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