सुप्रीम कोर्ट ने आधार नंबर (आधार कार्ड) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अब आपको आधार नंबर को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कह दिया है कि अब आपको बहुत सारे जगहों पर आधार नंबर देने की जरूरत नहीं है। इस खबर से आपको बहुत राहत मिलने वाली है। यदि आप आधार नंबर को लेकर घबराएं हैं तो फिर इसे जरूर पढ़ लें। इस जानकारी को पढ़कर आप जान पाएंगे कि आधार कितना जरूरी है और कहां पर देना है।
सर्वोच्च न्यायालय (supreme court) ने आधार कार्ड/नंबर पर बड़ा फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की बेंच ने बुधवार को आधार नंबर के वैध और अवैध को लेकर फैसला लिया। अब यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि आधार नंबर कहां पर जरूरी है और कहां पर नहीं। इसको लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस फैसले से आम आदमी को चैन की सांस मिलेगी।
कोर्ट की बात सुनें
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और उनके सहयोगी जजों ने सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार आधार डेटा की सुरक्षा को लेकर ध्यान दे। हालांकि लोगों की जानकारी सुरक्षित है फिर भी गोपनीयता को ध्यान में रख कर सिक्यूरिटी मजबूत की जानी चाहिए। इसके अलावा कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि आधार हर जगह पर जरूरी नहीं है। आधार नंबर की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 27 याचिकाएं दायर की गई थीं जिस पर कोर्ट तकरीबन चार माह से सुनवाई कर रहा था।
आधार मान्य और अमान्य?
अब यह जानना हमारे लिए बेहद जरूरी है कि आखिर कोर्ट ने आज के फैसले में क्या कहा है। आम आदमी इस बात को लेकर परेशान था कि उससे हर जगह पर आधार नंबर मांगी जा रही है।
यहां पर आधार देना जरूरी
- पैन कार्ड
- टैक्स रिटर्न फाइल
- सरकारी की लाभकारी योजनाओं के लाभ के लिए
यहां जरूरी नहीं है आधार
- मोबाइल सिम कार्ड खरीदने
- बैंक खाता खुलवाने (सरकारी व प्राइवेट)
- प्राइवेट कंपनी
- शिक्षण संस्थानों में एडमिशन
- नेट, जेईई या कोई भी परीक्षा
इन जजों ने सुनाया फैसला
आधार कार्ड को लेकर विवाद तो लंबे समय से चला लेकिन इस पर सुनवाई भी लंबे समय तक हुई है। बुधवार को पांच जजों के बेंच ने इस पर फैसला सुनाया। इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खनविलकर, जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण का नाम प्रमुख है। ये बेहद जरूरी जानकारी है इसे अपने रिश्तेदारों को भेजकर अवगत कराएं।