दवा बेचने के लिए सरकारी पोर्टल से जुड़ना जरूरी, पैसे के अभाव में नहीं रूकेगा इलाज स्वास्थ्य मंत्रालय का फैसला पढ़े-

प्राइवेट या सरकारी मेडिकल सेवा के नाम पर हो रही लूटखोरी को कम करने के लिए भारत सरकार के स्वास्थय मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. यह जानकारी बेहतर मेडिकल सेवा को नया आयाम देगी. साथ ही अन्य बड़े फैसले आम लोगों के हित में लिया गया है. यहां तक की भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर मरीजों के लिए अभिशाप बनते जा रहे हैं जिससे की गरीब मरीज या आर्थिक कमी के कारण मरीज को मौत के कगार पर पहुंचा देता है. इनमें से बहुत सारे मामले ऐसे भी हैं कि डॉक्टर आवश्यकता से ज्यादा दवा लिखते हैं ताकि उनका कमीशन अच्छा-खासा बन सके. जबकि यह किसी भी स्तर से बढ़िया नहीं है.

एक सामान्य से बुखार के लिए डॉक्टर लंबा-चौड़ा पर्चा लिखकर देता है यानि की जो बुखार पैरासिटामॉल से दूर हो सकता है उसके लिए भी डॉक्टर पांच तरह की दवा लिख देता है. इस कारण कई बार तो मरीज को परेशानी उठानी पड़ी है. साथ ही मरीज पैसा के अभाव में दवा भी नहीं ले पाता है. इस लूट और मनमानी से बचाने के लिए सरकार ने हाल ही में अहम फैसला लिया है. इस फैसला को लेकर काफी चर्चा चल रही है.

दवा वितरक जुड़ेगे पोर्टल से-

थोक या फिर खुदरा दवा वितरक को तो जुड़ना ही हैं साथ ही डॉक्टरों को भी इससे जोड़ा जाएगा. इससे ऑनलाइन ब्यौरा लिया जाएगा और यदि कोई इसका उल्लंघन करते पाया गया तो कार्रवाई होगी. इससे ग्रामीण क्षेत्र के मेडिकल स्टोर और डॉक्टरों को भी जुड़ना होगा, इसके लिए मोबाइल एप बनाया जाएगा ताकि लैपटाप या पीसी ना होने पर स्मार्टफोन से इसका उपयोग किया जा सके. अब गांव-देहात के डॉक्टर बहाना बनाकर भी खुद को नहीं बचा सकते हैं.

पैसे की कमी से नहीं रुकेगा इलाज-

पैसा अहम होता है पर पैसे की कमी के कारण किसी को जान गंवाना पड़े इसके लिए भारत सरकार की ओर से कठोर नियम बनाए गए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत फैसले के अनुसार सरकार तो गरीब मरीजों को आर्थिक मदद देगी. साथ ही प्राइवेट अस्पताल वाले यदि पैसा ना होने के कारण यदि मरीज को इलाज से मना किए तो सरकार कठोर कार्रवाई करेगी. यानि की सरकार ने साफ तौर पर कह दिया है कि यदि पैसे ना होने पर इलाज नहीं किए तो लाइसेंस भी रद्द होने की संभावना है. बल्कि इलाज के बाद सरकार इसके लिए पैसे मुहैया कराएगी. इसको भी ऑनलाइन जोड़ने की मुहिम चल रही है.

क्यो होगा फायदा-

-झोला छाप डॉक्टर खत्म होंगे.

-दवा के नाम पर लूट पर रोक.

-नकली दवा पर रोक.

-गरीब मरीजों को मिलेगी सांस.

-टैक्स चोरी भी खत्म होगी.

(नोट- सरकार इसके लिए टीम गठन कर रही है. साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायत को दूर करने के लिए पोर्टल बनाया जा रहा है.)

4 Replies to “दवा बेचने के लिए सरकारी पोर्टल से जुड़ना जरूरी, पैसे के अभाव में नहीं रूकेगा इलाज स्वास्थ्य मंत्रालय का फैसला पढ़े-

  1. बहूत ही अच्छा है गरीबो को बहुत फ़ायदा होगा

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