IRCTC: ऑनलाइन Rail टिकट के ये नियम, Waiting List होने पर आएंगे काम

railways-rule-july-2017ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग सेवा के बारे में बहुत सारी बातें पता नहीं चल पाती हैं। लेकिन मुसीबत में पड़ने पर हमारी आंख खुलती है। साथ ही परेशानी भी बढ़ जाती है। इसलिए रेल टिकट ऑनलाइन बुक करने से पहले ये कुछ खास जानकारी जान लिजिए नहीं तो आप भी कभी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

 

ये हैं वो जरूरी जानकारियां

  • ऐसा कई बार होता है कि हम वेटिंग लिस्ट में टिकट बुक कर लेते हैं और निश्चिंत हो जाते हैं। साथ ही कई लोग बुकिंग कंफर्मेशन प्रोबेबलिटी का संदेश देखकर ही चल पड़ते हैं जबिक उसकी सच्चाई कुछ और ही है। तो इसलिए आपको कुछ जानकारियां जान लेनी चाहिए।

 

  • अभी हम आईआरसीटीसी ऐप के जरिए टिकट बुक करते हैं तो बुकिंग कंफर्मेशन प्रोबेबलिटी का नोटिफिकेशन दिखता है जबकि उसकी सच्चाई कुछ और ही है। ये दरअसल, पिछले सालों के आंकड़ों यानी रिकॉर्ड के आधार पर दिखाई जाती है इसलिए इस पर भरोसा ना करें। क्योंकि ये जरूरी नहीं है कि पिछली साल उतने वेटिंग नंबर पर कंफर्म हो गया था तो इस साल भी हो जाए।

  • IRCTC के नियमों के अनुसार ऐसे यात्री जिनका यात्रा टिकट स्टेट्स चार्ट तैयार होने के बाद भी पूरी तरह से कन्फर्म/या फिर पूरी तरह से आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) है, और उनका नाम चार्ट में दिखाई देता है तो वो ट्रेन यात्रा कर सकते हैं।

 

  • ऐसे यात्री जिनका नाम आंशिक रूप से कन्फर्म/आंशिक रूप से प्रतीक्षासूची या आंशिक रूप से आरएसी/आंशिक रूप से प्रतीक्षासूची में है उनका नाम भी वेटिंग लिस्ट पैसेंजर के साथ चार्ट में दिखाई देता है।

 

  • IRCTC की वेबसाइट के माध्यम से ग्राहक/ एजेंट द्वारा ई-टिकट रद्द करने की अनुमति केवल ट्रेन की चार्ट तैयार होने से पहले ही दी जाती है।

 

  • ऐसे यात्री जिनका नाम चार्ट तैयार किए जाने के बाद पूरी तरह से वेटिंगलिस्ट में ही रहता है उनका नाम छोड़ दिया जाता है और वो चार्ट में नहीं दिखता है। ऐसे यात्री सफर नहीं कर सकते हैं।

 

  • चार्ट तैयार किए जाने के बाद IRCTC की ओर से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के टिकट को रद्द किया जाता है और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिफंड कस्टमर्स के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। मतलब कि 48 घंटे में पैसा मिल जाता है इसलिए इसे स्वयं कैंसिल करने की भूल ना करें।

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