शिव:
शिव मनुष्य के लिए हमेशा से ही श्रध्दा और भक्ति के साथ साथ रहस्य और कौतुहल के विषय भी रहे है और इसका कारण है शिव के बारे में सही ज्ञान न होना और समाज में फैली विभ्भिन भ्रांतियां.
लेकिन जहाँ अज्ञान का अँधेरा दुनिया को अपने आगोश में समेटे है, ज्ञान के दीपक की लौ जलाये रखने वाले विरले भी मिल जाते है.
ऐसा ही ज्ञान पाने का अवसर मुझे मिला जिसने ‘शिव’ के विषय में मेरी सारी भ्रांतियों व सवालों का निवारण कर दिया.
जैसे.
– शिव कौन है?
– शिव की शिवलिंग के रूप में पूजा क्यों होती है?
– शिव और शंकर में क्या अंतर है?
– शिव को सभी देवता चाहे वह राम हो, कृष्ण हो और अन्य देवता भी क्यों पूजा करते है?
– भारत के प्राचीनतम मंदिर शिव के ही क्यों है?
– शिवरात्रि क्या है?
– शिव को निराकार, ओमकार, ज्योतिर्बिंदु क्यों कहा जाता है?
इत्यादि..
इन सबका निवारण रहा ब्रह्माकुमारी द्वारा प्रदान किया जा रहा ईश्वरीय ज्ञान .
इस ज्ञान के ७ दिन के कोर्स में निम्न विषयों पर से पर्दा उठाया गया.
१. मैं कौन हूँ – आत्मा ?
२. परमात्मा कौन है और कहाँ रहता है?
३. मुझ आत्मा से परमात्मा का क्या संबंध है?
४. वर्त्तमान समय का रहस्य और समय का चक्र कैसे चलता है?
५.स्वयं की शक्तियों को कैसे पहचाने और उन पर नियंत्रण करें?
६. योग क्या है और कैसे योग से आत्मा में बल भरें.
क्या सभी धर्मों का ईश्वर अलग अलग है या एक ही है, अगर एक ही है तो वह कौन है, अभी कहाँ है और क्या कर रहा है?
इत्यादि सभी अध्यात्मिक, आत्मिक और बोद्धिक खजाने से परिचित होने के लिए फ्री राजयोग केन्द्र में अवश्य पधारें.
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