शिव कौन है ?
भारत देश 33 करोड़ देवी देवताओं का देश है ! परन्तु इन सभी देवाताओं को बनाने वाला एक ही परमपिता परमात्मा शिव है ! जिसकी अनेक धर्मो , अनेक रूपों में भले ही पूजा की जाती हैं ! परन्तु उसका केन्द्र बिन्दु परमात्मा शिव के पास ही जाकर समाप्त होता है !
परमात्मा शिव देवों के भी देव महादेव ब्रह्या , विष्णु , शंकर के भी रचयिता त्रिमूर्ति तीनों लोकों के मलिक त्रिलोकीनाथ , तीनों कालों को जानने वाले त्रिकालदर्शी है ! विश्व की सभी आत्माओं के परमपिता परमात्मा शिव है !
परमात्मा जन्ममरण से न्यारे है उनका जन्म नहीं होता बल्कि परकाया प्रवेश होता है ! परमपिता शिव अजन्मा हैं , अभोक्त्ता , ज्ञान के सागर है आनन्द के सागर है , प्रेम के सागर है , सुख के सागर है ( Ocean of all virtues ) !
शिव का अर्थ
उनका स्वरूप ज्योतिर्बिन्दु है ! परमात्मा शिव परमधाम का निवासी है ! शिव…….. का अर्थ ही है ” कल्याणकारी ” ! परमात्मा शरीरधारी नहीं है ! इसका मतलब ये नहीं कि उनका कोई आकार नहीं ! बल्कि स्थूल आँखों से न दिखने वाला सूक्ष्म ज्योति स्वरूप है ! परमात्मा शिव को सभी ग्रंथों , पुराणों और वेदों में भी सर्वोपरी ईश्वर माना गया हैं !
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