हिंदी पत्रिकाएं – मुफ्त पढ़ें ऑनलाइन
आपने बचपन से पुस्तकों और पत्रिकाओं की दुकान से हिंदी पत्रिकाओँ को खरीद कर पढ़ा होगा, अब इंटरनेट के दौर में डिजिटल होते भारत में ये पत्रिकाएं भी ऑनलाइन हो चुकी है।
यहाँ हम प्रमुख हिंदी पत्रिकाओं को मुफ्त में ऑनलाइन पढ़ने और उनको पीडीएफ के रूप में डाउनलोड करने के लिंक साझा करेंगे।
हिंदी पत्रिका ऑनलाइन पढ़ने के लिए लिंक
1. सखी – महिलाओं की हिंदी पत्रिका
महिलाओं की पत्रिका सखी को आप निम्न लिंक पर ऑनलाइन मुफ्त पढ़ सकते है:
2. बहुत सी हिंदी पत्रिकाएं – ऑनलाइन मुफ्त पढने के लिए
इस लिंक आप निम्न हिंदी पत्रिकाएं मुफ्त पढ़ सकते है:
- दैनिक ट्रिब्यून सरगम’,
- करंट अफेयर्स,
- निरोग दर्पण
- मायापुरी,
- मध्य भारत कृषक भारती
- अवसर – रोजगार पत्रिका
- सखी – महिलाओं की पत्रिका
- सम सामयिक घटना चक्र
- वुमन – ऑन टॉप
- प्रभात खबर – हिंदी लाइफ
- करियर पथ
- ओपिनियन पोस्ट
- दिव्य हिमगिरि
- सुरभि
- हेलो जयपुर
- शब्द प्रवाह
- शब्द व्यंजना
- गुड हेल्थ
- भास्कर ‘रसरंग’
- लाइफ संजीवनी
- तर्कशील पथ
- राजस्थान डायरी
- निवेश मंथन
- मरूतृण साहित्य
- मरुधरा टुडे
- इत्यादि
3. भक्ति पत्रिकाएं
4. बच्चों की पत्रिकाएं – ऑनलाइन मुफ्त उपलब्ध
5. कैरियर और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त पत्रिकाएँ
- प्रतियोगिता दर्पण (पुराने अंक) – ऑनलाइन पढ़ें (गूगल बुक)
- प्रतियोगिता दर्पण – PDF Download Link
- ई-द्रष्टि (सम-सामयिकी)
- प्रभात खबर -अवसर पत्रिका
- सम सामयिक घटना चक्र (मासिक पत्रिका)
- करियर पथ
6. योजना पत्रिका – 1957 से सभी प्रतियों की पीडीऍफ़
राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को समर्पित मासिक पत्रिका जो 1957 से प्रकाशित हो रही है| यह पत्रिका अब 13 अर्थात भाषाओं में प्रकाशित होती है – अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू , पंजाबी, मराठी, गुजराती , बंगाली, असमिया , तेलुगु, तमिल, कन्नड़ , मलयालम और उड़िया |
इसे ऑनलाइन पढने या इसकी हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए निम्न लिंक पर जाएँ:
आशा है आपके ये लिंक उपयोगी रहेंगे, यदि आप किसी अन्य ऑनलाइन पत्रिका के लिंक यहाँ शामिल करवाना चाहते है, तो कमेंट से अवश्य सूचित करें|
aapke blog bahut hi badhiya he, aap har bar ek nai nai jankari dete ho, jisse reader sab kuch bahut hi easily available ho jata he.
उपयोगी जानकारी
धन्यवाद ओमकार जी
please bal bhaskar ko read kar lene do
बकवास लिंक
पुराने समय प्रकाशित होने वाली पत्रिका यथा चन्दा मामा,गुड़िया,पराग,सत्यकथा और विभिन्न चित्रकथा का भी लिंक रहता तो सोने पे सुहागा होता |
awadh archana hindi patrik faizabad u.p. ko bhi link karen.