वाई-फाई से जुड़े कुछ नाम होते हैं जैसे WEP, WPA, WPA2, WPA-Personal और WPA-Enterprise यें सभी आम व्यक्ति की समझ से परे होती हैं। तो आज इनके बारे में जान लेते हैं।
Image source |
1. WEP ( Wired Equivalent Privacy)
वैप का अंग्रेजी में मतलब होता है Wired Equivalent Privacy. यह वाई-फाई कनेक्शन को मजबूत करने का एक आसान तरीका होता है। यह नाम से भले ही आपको ये सेफ लगे। लेकिन वाईफाई से कनैक्ट होनेका यह सबसे कमजोर तरीका माना जाता है। हैकिंग की थोडी बहुत नॉलेज रखने वाला इसे बहुत ही आसानी से हैक कर लेता है। इसका ओपसन आपको पुराने राउटरो में मिल जायेगा। पहले इसके अलावा कोई सिक्यॉर नही माना जाता था जब तक की नये नही आये। नए राउटरों में आपको कनेक्ट करने के कई विकल्प होते हैं।
2. WPA और WPA2 (Wi-Fi Protected Access)
यह वाई-फाई के लिए सिक्यॉरिटी का नया स्टैंडर्ड हैं। WPA को ही WEP की जगह पर लागू किया है। सरल भाषा में बोले तो यह वाई-फाई की सिक्यॉरिटी को मजबूत करने का ही एक तरीका होता है। वाई-फाई की सुविधा को अधिक सिक्योर बनाने के लिए सबसे मजबूत WPA2 को माना जाता है।
इसके अपडेट वर्जन 2 में WPA की छोटी-मोटी गलतियों को भी हटा दिया है।इस WPA2 का ऑप्शन आपको 2011 के बाद नए वाई-फाई राउटर या डिवाइस में देखने को मिलेगा। और थोड़े अडवांस डिवाइसेज होते हैं उनमें आपको दो वर्जन मिलेंगे।
3. WPA-Personal और WPA-Enterprise
WPA-Personal — को तो घरों या छोटे-मोटे ऑफिसों में वाई-फाई को सिक्यॉर करने के लिए यूज किया जाता है। इसमें एक ही पासवर्ड के साथ कनैक्ट किया जाता है और देखा जाये तो हर किसी को इस प्रकार के यूज के लिए बस पासवर्ड की ही जरूरत होती है। क्योंकि यह कॉमन पासवर्ड पर काम करता है।
WPA-Enterprise — इसका उपयोग प्रायः बड़ी कंपनियों में किया जाता है। इसमें हर यूजर के लिए अलग से यूजर नेम और पासवर्ड की जरूरत होती है। कम्पनी में जितने भी कम्प्यूटर और लैपटॉप होते है उनके लिए हर एक को अलग यूजर नेम और पासवर्ड दिया होता है। जिससे की यह ज्यादा सिक्यॉर हो जाता है। और इस तरह इसे सिक्यॉर करने के लिए हमें Radius ऑथेंटिकेशन वाले सर्वर की आवश्यकता होती है।
लेकिन हमें अपने वाई-फाई को सिक्यॉर बनाने के लिए WPA-PERSONAL ही काफी है।