लापरवाही ही दुखों व रोगों का कारण है. गरमी का मौसम आ गया है और गरम तेज हवा चलने लगी है. इन गरम हवाओं को नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है. क्योंकि इन्हीं का नाम लू है जिसके लग जाने से रास्ता चल रहा इंसान अस्पताल में भर्ती हो जाता है और अधिकतर बार तो लोगों को जान गंवानी पड़ती है. पुराने जमाने के लोगों का कहना था कि ठंड,सांप के दंश से बचा जा सकता है पर लू लग गया तो बचाना मुश्किल है. यह बात डराने के लिए नहीं बल्कि आपको सावधान करने के लिए है ताकि लू से बचा जा सके. क्योंकि स्वास्थ्य से बढ़ कर और कुछ भी नहीं है.
पहले तो इतना प्रदूषण नहीं था और काफी हरियाली थी फिर भी हमारे पूर्वज खुद को लू से बचा कर रखते थे. पुराने जमाने के पर्यावरण के साथ आज के पर्यावरण को तुलना करना जरूरी है क्योंकि बढ़ते तापमान के कारण ही लू लगने का खतरा बढ़ता है. बढ़ते प्रदूषण और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई ने ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा दिया है. इस बात को खुद देख और समझ सकते हैं. अचानक से इतना तेज-असहनीय धूप की लगता है कि बदन झुलस गया. पर कभी आपने सोचा है कि इसका असर शरीर के नाजुक अंग जैसे कि दिमाग आदि पर किस तरह पड़ता होगा. इस तेज धूप ने ही तो लू का खतरा और भी बढ़ा दिया है.
हालांकि हमारे पूर्वजों को शायद पता था यह बात तभी तो हमारे लिए घरेलू नुस्खे छोड़ गए, जिनको अपनाकर हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. इन घरेलू नुस्खों से आज हम लू से बचने का उपाय बताएंगे जो कि आज के तापमान से लड़ने के लिए हमें कारगर बनाएगा.
लू से बचने का आसान तरीका-
हर मौसम में खास प्रकार के मौसमी फल पाएं जाते हैं जिनका कनेक्शन हमारे स्वास्थ्य से है. इसी कारण मौसमी फल से ही हम लू को भगाते हैं.
-आम का सीजन है तो कच्चा आम तो आसानी से मिल जाएगा. लेकिन इसको आग में पकाकर आपको खाना पड़ेगा. या फिर आग में पक्का आम को शर्बत बनाकर पी सकते हैं. जिससे कि आपको लू नहीं लगेगा.
-लू लग जाने पर कच्चे आम को आग में पका कर माथे और शरीर पर लेपन लगाएं और सेवन भी करें.
-प्याज का भी सेवन लाभदायक होता है.
-गरमी के दिनों में टोपी या छाता लेकर बाहर निकले.
-धूप से बचने का प्रयास करें.
-ककड़ी,तरबूज,खीरा आदि को ज्यादा खाएं.
-धूप से आने के बाद तुरंत पानी ना पिएं.
-बेल का शर्बत भी पिएं.
-बाइक से जा रहे हैं तो अचानक माथा चकराने पर पानी से सर को ना धोकर रुमाल या तौलिया भींगाकर मुंह और माथा पोंछे.