डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और चीफ इन पुलिस वाराणसी के जॉइंट आर्डर से व्हाट्सएप्प और फेसबुक पे फैली नकली खबरों, अफवाहों और हिंसक पोस्टों वाले ग्रुप से संबंधित एडमिन को जेल जाना पड़ सकता है।
फेसबुक और व्हाट्सएप्प ग्रुप द्वारा फैलाई फ़र्ज़ी पोस्ट, गलत तस्वीरें और अपमानजनक या अनैतिक वीडियोज समाज मे गलत संदेश देतें है और कई हिस्सों में तो साम्प्रदायिक दंगा भड़काने का भी काम करतें हैं।
इससे बचने के लिए वाराणसी के DM योगेश्वर राम मिश्र और SP नितिन तिवारी ने एक जॉइंट आर्डर जारी किया है। जिसके अनुसार यही किसी ग्रुप पर ऐसी गलत चीज़े हो रही है, तो इसके खिलाफ ग्रुप एडमिन को दोषी माना जायेगा और उसी के खिलाफ FIR भी होगी।
जॉइंट आर्डर के अनुसार, फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर कई ऐसे ग्रुप है, जो न्यूज़ के नाम पर काम करते हैं और समाज मे गलत खबरें फैलातें हैं, जो प्रामाणिक नहीं हैं। ऐसी खबरों की पुनरजांच भी की जाएगी।
आर्डर के अनुसार ग्रुप एडमिन को इस जिम्मेदारी के लिए तैयार रहना होगा, और बेहतर यही होगा कि वो जिन लोगो को व्यक्तिगत रूप से जानते हो उन्ही को आपमे ग्रुप में ऐड करें क्योंकि अगर इससे कोई साम्प्रदायिक हिंसा हुई या फिर कोई गलत खबर उड़ी तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ ग्रुप एडमिन ही जिम्मेदार होगा।
अगर इसके बाद भी कोई गलत खबर देने से बाज़ नही आता, तो अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन से इसके बारे में संपर्क किया जा सकता है। इससे उस मेंबर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। इन दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामले में साइबर अपराध कानून, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दायर किया जाएगा। आदेश ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कार्रवाई शुरू करते समय सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेश पर विचार किया जाएगा।
“जबकि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी एक जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए,” आदेश ने कहा। हालांकि, यह देखना जरूरी है कि वाराणसी पुलिस, जो कर्मचारियों की कमी का गंभीर रूप से सामना कर रही है, सोशल मीडिया पर इस तरह के आदेश लागू कर रही है, जो जिले की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है।