भारतीय हैं, विदेश यात्रा करने की इच्छा रखें हैं या विदेश में नौकरी या पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं तो पासपोर्ट होना बहुत जरूरी है. बिना पासपोर्ट विदेश की यात्रा संभव नहीं है. पासपोर्ट को लेकर सरकार बदलाव करते रहती है. कई बदलाव किए भी गए हैं हालाही में एक नया बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण बात जो कि पासपोर्ट बनाते वक्त ध्यान रखना चाहिए. आइए जानतें हैं कि वे कौन-सी जरूरी बातें हैं जो कि हमें पासपोर्ट बनाने से पहले जान लेनी चाहिए.
खबरों की मानें तो भारत के पासपोर्ट नीले रंग का कवर वाला हमारे जेहन में आता है लेकिन लेकिन बहुत जल्द भारत सरकार नारंगी रंग का पासपोर्ट लाने जा रही है. केवल रंग नहीं बल्कि इस रंग के मायने बहुत हैं इसलिए आपको नारंगी रंग वाले पासपोर्ट के बारे में जानकारी रखनी चाहिए. इसके लिए आपको दो अहम चीजें जाननी होंगी जो कि आपके भविष्य के लिए मददगार साबित होंगी.
किसको मिलेगा नारंगी रंग का पासपोर्ट-
सरकार का फैसला है कि अब पासपोर्ट का अंतिम पन्ना प्रिंट नहीं किया जाएगा. इस पन्ने पर पासपोर्ट धारक के पिता का नाम, पता और इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड की जानकारी होती है. चूंकि पासपोर्ट में आखिरी पन्ना नहीं होगा इसलिये जो इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ECR) के दायरे में आएगा उसे ही नारंगी रंग का पासपोर्ट दिया जाएगा और जो इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड के दायरे में आएंगे उन्हें नीले रंग वाला पासपोर्ट दिया जाएगा. तो यहां एक बात क्लीयर हो गई कि किसको नारंगी और नीले रंग वाला पासपोर्ट मिलेगा. लेकिन अब आपको ये जानना होगा कि कैसे लोगों नारंगी और नीला रंग वाला पासपोर्ट मिलेगा. इसकी जानकारी इस प्रकार है-
इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ईसीआर)-
इमिग्रेशन का मतलब है कि दूसरे देश में जाने के लिए इमिग्रेशन क्लीयरेंस लेनी पड़ती है. अभी दो तरह के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं- ईसीआर यानि जिस पासपोर्ट में इमिग्रेशन चेक की जरूरत होती है और ईसीएनआर यानि कि वो पासपोर्ट जिसमें इमिग्रेशन चेक की जरूरत नहीं होती है.
कानून की मानें तो इमिग्रेशन का मतलब होता है कि आप भारत छोड़कर अफ़ग़ानिस्तान, बहरीन, ब्रुनई, कुवैत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, क़तर, सूडान, सऊदी अरब, सीरिया, थाईलैंड और संयुक्त अरब अमीरात देश में रोजगार के लिए जाते हैं तो इस कैटगिरी में आते हैं.
जो लोग पासपोर्ट बनाते वक्त मैट्रीक से कम एजुकेशन प्राप्त किए होते हैं उनको इस वर्ग में रखा जाता है. इसलिए ध्यान रखें कि मैट्रीक से पहले पासपोर्ट ना बनवाएं. यदि आप मैट्रीक पास हैं तो इसकी जानकारी पासपोर्ट आवेदन के समय अवश्य दें अन्यथा आपको विदेश जाने से से पहले इसीएनआर कराने के लिए चक्कर लगाना पड़ेगा.
साथ ही नारंगी रंग का पासपोर्ट मिलने पर आप पासपोर्ट का उपयोग एड्रेस प्रूफ के रूप में नहीं कर पाएंगे क्योंकि इसमे आपका पिछला पन्ना गायब रहेगा जिसका जिक्र हम लोग ऊपर कर चुके हैं.
इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड (ईसीएनआर)-
कानून के हिसाब से देश में चौदह प्रकार के सिटीजन ऐसे होते हैं जो ऑटोमैटेकली इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड के लिये क्वालीफाई होते हैं. इसमें सभी करदाता, 18 से कम उम्र या 50 से ज्यादा उम्र का शख्स और 10वीं पास व्यक्ति शामिल होता है. सिंपल सी बात है यदि आप पासपोर्ट बनवाते वक्त मैट्रीक या उससे ज्यादा कोई सर्टिफिकेट देते हैं तो आपको विदेश यात्रा से पहले किसी प्रकार का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. ऐसे लोगों को नीले रंग का पासपोर्ट मिलेगा.
पोस्ट ऑफिस में बनवाएं पासपोर्ट-
पहले आपको पासपोर्ट बनवाने के लिए राज्य की राजधानी के पासपोर्ट ऑफिस जाना पड़ता था. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए विदेश मंत्रालय ने राज्य के प्रमुख जिलों के पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट केंद्र खोलना आरंभ कर दिया है. इसलिए पासपोर्ट आवेदन करते समय आसपास के लोगों से जानकारी लें कि पास में कौन सा पासपोर्ट सेवा केंद्र है.