केंद्र की भारतीय जनता पार्टी ने पब्लिक हेल्थ सेक्टर में सुधार लाने के लिए जन औषधि केंद्र योजना को शुरू किया है। इसके लिए भारत का मैट्रीक पास नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। साथ ही अपने एरिया में सरकारी मेडिकल स्टोर खोल सकता है।
मोदी सरकार ने दूर-दराज ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र तक सस्ती व बेहतर जेनेरिक दवाएं पहुंचाने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है। इसके तहत सभी स्थानों पर जेनेरिक दवाओं के लिए जनौषधि केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर देश के अन्य राज्यों में खोलने का काम जोरों से चल रहा है। साथ ही हजारों युवा इस योजना के साथ जुड़ रहे हैं।
सरकार की ओर से मैट्रिक पास आवेदकों के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे जनौषधि केंद्र खोलकर अपना रोजगार कर सकते हैं। उन्हें दो लाख रुपए की आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
योजना के लिए योग्यता
- इस योजना में प्रधानमंत्री जनौषधि केंद्र के नाम से दवा दुकान खोली जाएगी।
- इसके लिए आवेदक का मैट्रिक पास होना जरूरी है।
- ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पांच किलोमीटर और शहरी क्षेत्र में प्रत्येक ढाई किलोमीटर पर जनौषधि केंद्र का लाइसेंस दिया जाएगा।
- व्यापारी, अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, या मेडिकल प्रैक्टिशनर भी केंद्र खोल सकते हैं।
- आधार व पैन कार्ड की जरूरत होगी।
- गैर सरकारी संगठन, फार्मासिस्ट, डॉक्टर और मेडिकल प्रैक्टिशनर को अपनी संस्था का पंजीकरण सर्टिफिकेट भी देना पड़ेगा।
- आवेदक के पास कम से कम 120 वर्ग फीट जगह होना जरूरी है।
आवेदन प्रक्रिया जानें
यदि आप उपरोक्त बिंदुओं पर खुद को तैयार मानते हैं तो फिर ऑनलाइन घर बैठे इस सरकारी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों तरह से करना होगा।
- आवेदन का फार्मेट और अन्य जानकारियां http//janaushadhi.gov.in/guidlines.html से प्राप्त कर सकते हैं।
- केंद्र सरकार की सहमति प्राप्त होने के बाद आवेदक को संबंधित जिले के सहायक औषधि नियंत्रक कार्यालय से दवा बेचने का लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
इतनी होगी कमाई
- इस योजना के तहत दवा की प्रिंट कीमत पर 20 प्रतिशत तक मार्जिन दी जाती है।
- दो लाख रुपए एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- 12 महीने की बिक्री का 10 प्रतिशत या न्यूनतम पांच हजार व अधिकतम 10 हजार रुपए इंसेटिव के रुप में देंगे।
- विशेष परिस्थिति में इंसेटिव बढ़ाकर देने का प्रावधान भी है।
- दिव्यांगों को 50 हजार तक की दवाई केंद्र खुलने के साथ ही मिलेगी।
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