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3. सोमवार, बुधवार और शनिवार इन दिनों को शरीर पर तेल लगाने का उत्तम दिन होता हैं। इससे ग्रहों की दृष्टि अच्छी बनी रहती है।
4. शरीर पर तेल लगाने से पहले नाभि एवं हाथ-पैर की उँगलियों के नाखूनों पर अच्छी प्रकार तेल लगाना चाहिए।
5. पैरों को जितना सम्भव हो सके खुला रखो। हर सुबह कुछ समय के लिए कहीं हरी घास में नंगे पैर चलो।
6. ऊँची एड़ी के ना तो जूते पहने और ना ही सैंडल पहने क्योंकि इससे स्वास्थ्य को बहुत हानि पहुँचाती है।
7. शरीर पर पाउडर, स्नो आदि का प्रयोग कम करें। क्योकिं यह त्वचा के स्वाभाविक सौंदर्य को नष्ट करते हैं।
8. ज्यादा तंग कपडे न पहने। ज्यादा कसे हुए और नायलोन के कृत्रिम तंतुओं से बने हुए कपड़े और भड़कीले गहरे रंग से कपड़े हमारे तन-मन को हानि पहुँचाते हैं। क्योकिं तंग कपड़ों से शरीर को शुद्ध हवा नहीं मिल पाती। ढिल सूती वस्त्र का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम माना जाता है।
9. बाहर से घर आते ही तुरंत पानी मत पियो। अपने हाथ-पैर को मत धोओ और न ही आते ही स्नान करो। क्योंकि इससे बहुत हानि होती है। शरीर का पसीना सूख जाने के बाद कम-से-कम 15 मिनट विश्राम करना चाहिए। फिर उसके बाद हाथ-पैर धोकर पानी पी सकते है।
10. अश्लील मित्र और पुस्तक आदि का साथ छोड़ दें। हमेशा ज्ञानवर्ध पुस्तकों का पढ़ना चाहिए।
11. ये बात हमेशा याद रखना की चोरी कभी न करो। क्योंकि वह एक ना एक दिन आपके आगे ही आना है। चाहे तो आजमाकर देख सकते हो।
12. किसी का भी सामान या वस्तु लें तो उसे अच्छी प्रकार से सँभाल कर रखें। जब उसका कार्य पूरा हो जाये तो उसे तुरन्त ही वापिस दे।
13. समय का बहुत महत्व होता है। इसके महत्त्व को समझो। इसे व्यर्थ की बातें और व्यर्थ के काम में मत गँवाओ।
14. हमेशा सच बोलें और सच का साथ दें। किसी वस्तु के लालच में आकर अपने इमान को न खोये।
15. अपने से छोटे व्यक्ति अथवा किसी भी प्राणी को कभी भी मत सताओ। हो सके तो उसकी मदद करें।