जैसे की आप और हम सभी इस बात से तरह वाकिफ है कि कैसे इन दिनों सोशल मिडिया पर निपाह वायरस का जाल छाया हुआ है और सभी इस बात को सुन कर खुद सक्ते में आ चुके है कि आखिर ये कौनसा वायरस है जो न जाने कहा से आकर हमारे बीच टपक गया है जिसके बारे में हमने कभी पहले सुना ही नहीं था …
आज बहुत से लोग इसके बारे में जानने के लिए बहुत ही उत्सुक है कि यह वायरस आखिर होता किस प्रकार का है? और इसके लक्ष्ण और इससे बचने के लिए क्या उपाए किया जा सकता है …लोगो को इसके बारे में हल्का फुल्का ही पता है लेकिन आज हम आपको इस साईट में कोई टेक न्यूज़ नहीं बल्कि आपके और हमारे सेहत से जुड़े मुद्दों के बारे में और निपाह वायरस के सिलसिले में बात करने वाले है …
निपाह वायरस क्या होता है ?
यह कोई बेहद ही पुराना कोई वायरस नहीं है बल्कि 1998 में पाया गया एक ऐसा वायरस है जिसका आजतक कोई भी इलाज़ नहीं मिल पाया है ..यह वायरस केवल और केवल चमकादडो से होता है यानी अगर चमकादडो ने किसी फल या सब्जियो को चाट व आधा खा लिया है और बाद में व्यक्ति इसका सेवन करे तो वह इस वायरस का सिकार हो सकता है …यह वायरस 1998 में मलेशिया के निपाह नामक छेत्र में आया था जिससे की इसका नाम निपाह वायरस पड़ गया है ..और इसके बाद इसे 2001 में बांग्लादेश में पीड़ित लोग सामने आये थे …
निपाह वायरस होने का प्रमाण
वैसे तो यह वायरस बहुत जोरो से नहीं फैला है लेकिन यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिसका इलाज़ या कोई भी टिटनस नहीं बना हुआ है और यह वायरस लोगो के दिमाग में असर डालता है और व्यक्ति के मस्तक में सुजान डाल देता है …साथ ही उसमे कमजोरी आ जाती है और वह सुस्त महसूस करने लगता है और धीरे धीरे करके वह 24 घंटे के भीतर कोमा में भी जा सकता है ..
कैसे बच सकते है इस वायरस से?
इस वायरस का कोई भी एंटीडोड नही है `और इससे बचने का एक मात्र साधन परहेज ही है …अगर इससे बचना है तो आपको खजूर का सेवन करने से बचना होगा ..और साथ ही आपको आम,जाम और केला जैसे फलो का सेवन से बचना है क्योंकि चमकादड ऐसे फलो के पडो के पास ही मौजूद रहते है