बहुत बार ऐसा होता है कि सिर पर चोट लगने के कारण या किसी बीमारियां के कारण हमारे सिर वाले बाल धीरे-धीरे घिसने (झडने) लगते जाते हैं। लगातार बालों का इस तरह से झडना ही गंजेपन का कारण बन जाता है। लेकिन चिंता करने से, किसी परेशानी से भी सिर के बाल गिरने लग जाते हैं।
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ऐसा नहीं है कि इनका कोई उपाय नहीं है। इनके बहुत तरह के उपाय हो सकते है लेकिन उनका साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है। लेकिन हमारे पास एक और उपाय भी तो बस जाता है आयुर्वेदिक उपाय। जिससे आप अपने गंजेपन की समस्या से मुक्ति पा सकते हो। और इन उपायों से बालों को मजबूत और सुंदर भी बना सकते हो।
हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी जैसे आयोडिन, विटामिन बी, आयरन, तांबा, विटामिन ए की वगैरह से भी इस पर बुरा प्रभाव पड सकता है। इनके परिणाम से सिर के बालों में रूखापन आने लगता हैं और जिससे धीरे-धीरे वे टूटना शुरु हो जाते हैं।
ऐसे में इन्हें बचाने के लिए अच्छा अंकुरित गेहूं, चना, मूंग के खाने को खाना बहुत लाभदायक माना जाता है। और इसके साथ में भोजन के अन्दर पनीर, बथुआ, मटर आदि भी लेते रहना चाहिए।
सिर के गंजेपन से छुटकारा पाने के उपाय
सुबह खाली पेट अगर काले तिल और भृंगराज को बराबर मात्रा में लेकर चबा लिया जाये तो इससे आपके बाल लंबे व घने हो जाते हैं और इससे आपके बालों का झडना भी बंद हो जाता है। सिर का वह स्थान जो गंजा है उस स्थान पर अगर आप अमरबेल का लेप नियमित रूप से लगाये तो एक महीने में ही बहुत अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। अमरबेल के काढ़े से बाल धोने से बाल बढने और काले होने लगते हैं।
सिर के बाल लगातार झड़ रहे हैं तो आप सरसों के पत्तों को जलाकर उसकी राख के लेप को नियमित रूप से अपने सिर में लगाएं तो कुछ ही दिनों में आपके बाल दोबारा से उगने लगेंगे।
बालों का गंजापन दूर करने के लिए एरण्ड का तेल भी उपयोगी होता है। इस तेल को हर रोज लगातार दो महीने तक रात में सोते समय इस तेल से अपने सिर की मालिश करें तो आपका गंजापन दूर हो जायेगा।
सिर में गंजेपन वाले स्थान पर जमालगोटे के बीजों का लेप बनाकर उसमें नींबू के रस मिलकर वह लेप सिर में लगा ले और थोड़ी देर बाद अपने सिर को धो लें। कुछ ही दिनों में आपको अच्छा असर दिखाई देने लगे जायेगा।
नारियल तेल के साथ धतूरे का रस मिलाकर उसे पंद्रह दिनों तक हर रोज उसे नहाने से पहले सिर पर अच्छी प्रकार से लगाएं। आपको कुछ दिनों में फायदा नजर आने लगेगा।
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल सोमवार (24-10-2016) के चर्चा मंच "हारती रही हर युग में सीता" (चर्चा अंक-2505) पर भी होगी!
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्री जी
Thanks