क्या आपको पता है की हमारे बटुए में जो पैसे हैं वे कहां बनाये जाते हैं और उनको बनाने में कितनी लागत आती है। उसका पेपर धागा
कहां पर मिलता है और हम उसे कहा कहा से लेते हैं। अभी पिछले 4-5 महीनों में नोटों की लोगों और सरकार के पास बहुत तंगी रही
थी और अभी भी उस तंगी का असर बाकी है लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो रहा है। जब नोटबंदी हुई थी तो नोट छापने में बहुत तेजी
आयी थी ताकि इनकी पूर्ति हो सके।
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हिन्दी इंटरनेट में, आज हम नोटों की बनाई खर्च से लेकर उनकी जगह तक के बारे में जानकारी देने वाले हैं। इसके अंदर पुराने नोटों के बारे में भी थोड़ा बहुत बतायेंगे। और बाकी 5,10,100 जैसे नोटों के बारे में भी बतायें कि इनमें
औसत कितना खर्च आ जाता है और दिन के कितने नोट कहां बनते हैं। हम आपको कागज के नोटों के बारे में बता रहें हैं।
नोटों को बनाने में कितना खर्च आता है
1. शुरू में बात करते हैं 5 रूपये की, तो इसकी बनाई और छपायी में करीब एक नोट पर 50 पैसे तक खर्च आता है। तब जाकर यह
मार्केट में आता है।
2. इसके बाद नंबर आता है दस रूपये का, तो आपको बता दे की दस रूपये में पांच रूपये से दुगना खर्च ना आकर केवल 96 पैसे के
आसपास ही रहता है।
3. इसके बाद बीस रूपये की छपाई में भी लगभग 1 रूपये के करीब खर्च आता है। जिसमें इसकी इसके अंदर केवल ये छपाई खर्च
होता है।
4. 50 और 100 रूपये की बात करें तो 50 रूपये में 100 रूपये की छपाई का खर्च ज्यादा आता है। जैसे की पचास में केवल 1.80-81
और सौ रूपये में ये तीन चार पैसे कम है।
5. जब बात छपाई की हो रही है तो आपको पुराने नोटों के बारे में भी बता देते हैं। जिसमें 500 में 3.50 और 1000 कें नोट में
लगभग चार रूपये तक का खर्च आ जाता है।
अब रही नये नोटों की बात तो जब इसकी जानकारी हमें मिल जायेगी तो हम इसको भी आप तक पहुंचा देंगे।
इसके बाद बात करते है की ये आखिर छपते कहां पर है और आये दिन कितने नोट लगभग छप जाते हैं। वैसे तो देखा जाये तो हर देश का अपना रूल है की वह साल में कितने नोट तक छाप सकता है और इसकी सीमा तय होती है। फिर भी भारत में नोटों की छपाई के लिए चार नोट प्रिंटिंग प्रेस लगाई गयी है।
जिसके अंदर सबसे पहली प्रेस नासिक और दूसरी देवास और तीसरी चौथी प्रेस मैसूर और बंगाल में लगाई गयी है। यहां पर नोटों की
छपायी का काम चलता है। और आपको बता दें की जो अभी आपके पास नया 500 या 2000 का नोट है ना उसकी छपाई में
इस्तेमाल होने वाला कागज बाहर से मँगाया गया है।