भारत सरकार की 2022 तक सभी के लिए आवास प्रदान करने के योजना के कार्यरूप प्रदान करने के लिए नित नए क़दम उठाए जा रहे है, उसी कड़ी में एक बड़ा क़दम है – The Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 (RERA)
किस प्रकार अब अपना आशियाना बनाना होगा आसान
- RERA क़ानून 1 May 2017 से लागू हो गया है।
- इस क़ानून के लागू होने के बाद बिल्डर का सरकार के साथ रेजिस्टर होना आवश्यक हो जाएगा, जिससे धोखेबाज़ बिल्डर द्वारा लोगों को झाँसा देकर पैसे एंठने पर लगाम लगेगी
- registered agreement for sale के दौरान बिल्डर 10 % से ज़्यादा बुकिंग अमाउंट नहीं ले सकेंगे
- सैंक्शन प्लान, लेआउट प्लान, विवरण, अप्रूवल, इत्यादि के पेपर बुकिंग के समय और अल्लोटेमेंट के समय उपलब्ध करवाना आवश्यक होगा।
- कार्य के पूरा होने का समय और स्टेज वाइज़ प्लान का विवरण देना भी होगा अनिवार्य
- बिल्डर किसी भी प्रोजेक्ट के विज्ञापन करने से पहले, प्रोजेक्ट का राज्य की regulatory authority के साथ रेजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। जिसमें अलग अलग स्टेज या टावर का रेजिस्ट्रेशन अलग अलग करवाना होगा।
- रेजिस्ट्रेशन के समय प्रमोटर/ बिल्डर को प्रोजेक्ट से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ देना आवश्यक होगी – जैसे प्रमोटर का बैक्ग्राउंड, उसके पूर्व के प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट से जुड़े अप्रूवल, सेंक्शन प्लान, लेआउट प्लान, कारपेट एरिया, कांट्रैक्टर – ईंजीनियर – आर्किटेक्ट के नाम और पते, इत्यादि। इनसे ग़लत तरीक़े से प्रोजेक्ट बनाने और बेचने वालों पर लगाम लगेगी
- हर प्रोजेक्ट का status ऑनलाइन अप्डेट रहेगा
- यदि बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट नहीं डेटा है तो उसे आपकी राशि पर SBI’s highest Marginal Cost of Lending Rate + 2 % का अतिरिक्त ब्याज देना होगा
- प्रोजेक्ट के किसी भी structural defect को बिल्डर को possession के 5 साल तक मुफ़्त में ठीक करना होगा
इसके अतिरिक्त अपने घर को बनाने या ख़रीदने के लिए पहले ही निम्न योजनाओं के तहत सहयोग उपलब्ध है: